Saturday, September 27

उज्जैन नगर निगम प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण में रहा अव्वल

उज्जैन। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्यों के चलते उज्जैन नगर निगम को मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार मिला है। अपनी श्रेणी में उज्जैन नगर निगम पूरे प्रदेश में पहले पायदान पर रहा है।
पर्यावरण दिवस पर रविवार को भोपाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रथम स्थान प्राप्त होने पर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निगमायुक्त अंशुल गुप्ता को प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र व 1 लाख 50 हजार रुपए से पुरस्कृत किया।

यह हैं उल्लेखनीय कार्य
: पर्यावरण सरंक्षण के क्षेत्र में प्रयास किए। इसके अंतर्गत 83 एमएलडी का एसटीपी, दो 50 केएलडी के एफएसटीपी की स्थापना।
: निगम क्षेत्र से जनित 210 प्रतिदिन घरेलू वेस्ट का 100 प्रतिशत कलेक्शन।

: एक एसटीपीडी का बायोमेनेशन प्लांट व एक विंडोव कम्पोस्टिंग प्लांट की स्थापना। इसकी क्षमता 225 टीपीडी है।
: निगम द्वारा उपचारित 100 प्रतिशत जल किसानों , बगीचों में सिंचाई में उपयोग लाया जाता है। किसान जल क्रय करते हैं।
: पुराने कचरे से भरी 0.5 एकड़ भूमि को री-मेडियट किया गया है।
विश्व पर्यावरण दिवस के लिए ये बनाया प्लान
वहीं विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर नगर निगम ने शहर के विभिन्न स्थानों पर रविवार को 500 से ज्यादा पौधे रोपने का बीड़ा उठाया था। इसके तहत चरक अस्पताल परिसर में 150 पौधे, बसंत विहार कालोनी में 300 पौधे, विद्यापति कालोनी में 50 पौधे, शहीद पार्क में 50 पौधे, विक्रम मार्ग पर 50 पौधे रोपने की तैयारी की गई थी।
दरअसल निगम ने शहर को हरा-भरा बनाने के लिए विभिन्न मार्गों पर पौधारोपण की वृहद योजना तैयार की है। हरियाली अमावस्या पर सवा लाख पौधे रोपने का लक्ष्‌य रखा है। इसके लिए कुछ पौधे खरीदे हैं और कुछ निगम ने अपनी नर्सरी में तैयार कराए हैं। पर्यावरण जागरूकता के लिए अतिथियों को मीठे नीम का पौधे उपहार में देना भी शुरू किया है। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में बसंत विहार कालोनी के पांच बगीचों का 25 से 50 फीसद हिस्से में पौधे लगाना तय किया है। अतिक्रमण से मुक्त कराई शिप्रा किनारे की जमीन पर वर्षाकाल में 40 हजार पौधे लगाने की तैयारी की है।