Saturday, September 27

आखिर किन लोगों ने दी थी आरटीआइ कार्यकर्ता की हत्या की सुपारी, यहां पढ़ें

विदिशा। पीडब्ल्यूडी ऑफिस के परिसर में गुरुवार शाम पूर्व ठेकेदार और आरटीआइ कार्यकर्ता रंजीत सोनी की गोली मारकर हत्या करने वालों को पुलिस ने 24 घंटे में ढूंढ निकाला। एसपी ने बताया, पीडब्ल्यूडी के तीन ठेकेदारों जसवंत रघुवंशी, एस कुमार चौबे, नरेश शर्मा और एक अन्य शैलेंद्र पटेल ने रंजीत को जान से मारने के लिए विदिशा के अंकित यादव उर्फ टुन्डा को सुपारी दी थी।

3 जून को आरोपी ठेकेदार जसवंत सिंह और मृृतक रंजीत के बीच चल रहे एक मामले को लेकर पेशी थी। इससे पहले ही अंकित को माउजर और 25 हजार रुपए की पेशगी देकर उसे निपटाने कहा गया था। पुलिस ने अंकित समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

एसपी डॉ. मोनिका शुक्ला ने बताया कि हत्या के तत्काल बाद रात करीब 10 बजे से 2 बजे तक कई लोगों से पूछताछ की जाती रही। ऑफिस के सामने ठेला लगाने वालों ने किसी को भागते नहीं देखा था, लेकिन जब रात को ऑफिस के पीछे रहने वालों से बात की गई तो एक से पता चला कि एक व्यक्ति पीछे से भागा था, जिसके हाथ में टेटू बना था।

इसी आधार पर पुलिस ने पड़ताल शुरू की और आरोपी अंकित को रायसेन के सिलवानी में उसके मामा के घर से सुबह 7 बजे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी टुंडा से हत्या में उपयोग किया गया माउजर व जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया है।

ये था मामला
पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार से आरटीआइ कार्यकर्ता बने रंजीत सोनी (42) की पीडब्ल्यूडी ऑफिस परिसर में गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पीडब्ल्यूडी ऑफिस परिसर में शाम 5 बजे बदमाशों ने उनके सिर में करीब से गोली मारी। इस दौरान परिसर में उनकी बाइक पर टंगे थैले से आरटीआइ संबंधी दस्तावेज भी मिले थे।

इस घटना के बाद एएसपी समीर यादव व टीआइ योगेंद्र सिंह दांगी ने जांच की। एफएसएल टीम को भी बुलाया था। यहां एएसपी ने बताया, मृतक के परिजनों के अनुसार, तीन ठेकेदारों से रंजीत का विवाद था। रंजीत ने एक दिन पहले बुधवार को पीडब्ल्यूडी से जुड़े काम की 100 पेज की जानकारी आरटीआइ से ली थी। 2015-17 के काम की जानकारी भी मांगी थी। इस दौरान एएसपी ने कहा था कि सुराग मिले हैं। जिससे जल्द ही आरोपी गिरफ्तार होंगे।

एसपी डाॅ मोनिका शुक्ला ने बताया कि विदिशा के सीजेएम कोर्ट में जसवंत सिंह विरुद्ध रंजीत का एक केस 4 लाख 60 हजार रुपए के चेक बाउंस का विचाराधीन है, जिसमें 3 जून को पेशी होना थी। इस पेशी में मृतक द्वारा जसवंत सिंह के खिलाफ दस्तावेज पेश किए जाना थे। इसके अलावा दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ अन्य प्रकरण भी दर्ज कराए थे।
ऐसे समझें हत्या का तरीका: जानें किसने दिए थे माउजर और रुपए
एसपी के अनुसार पड़ताल के दौरान सामने आया कि मृतक रंजीत सोनी जो पहले पीडब्ल्यूडी की ठेकेदारी करता था, उसका ठेकेदार एस कुमार चौबे, जसवंत रघुवंशी और नरेश शर्मा से विवाद चल रहा था।
संदेह पर तीनों से पूछताछ की गई तो यह तथ्य सामने आया कि मृतक रंजीत और तीनों ठेकेदारों के बीच पैसों के लेन देन को लेकर रंजिश चल रही थी। आरोपियों ने बताया कि मृतक ने ठेकेदारी में हमें बड़ा नुकसान पहुंचाया और पुराने लेनदेन का मामला भी सामने आया।

इसके बाद तीनों ने मृतक की हत्या की साजिश रची। लेकिन रंजीत को मौत के घाट उतारने के लिए कोई आदमी नहीं मिल रहा था, ऐसे में एस कुमार चौबे ने जमुनियाकलां के शैलेंद्र पटेल से संपर्क किया और शैलेद्र ने इस काम के लिए तीनों की मुलाकात अंकित यादव टुंडा से कराई।

अंकित को इस हत्या के बदले रुपया देने की दो बातें अभी विवेचना में आई हैं, एक में 2 लाख और दूसरी में 6 लाख की डील बताई जा रही है, लेकिन हत्या के पहले 25 हजार रुपए अंकित को जसवंत सिंह ने चौबे के माध्यम से दिलवाए, अंकित को माउजर भी जसवंत ने मुहैया कराया था। इस बारे में नरेश और शैलेंद्र को भी पता था। इसके 6-7 दिन बाद जसवंत और चौबे दो बार दूर से अंकित को रंजीत का चेहरा दिखाया और फोटो भी दी। चौबे बार बार अंकित से काम जल्दी करने को कह रहा था।

घटना के पहले भी अंकित को बताया गया कि रंजीत पीडब्ल्यूडी ऑफिस में आया है। इस बार अंकित तैयारी से आया। रंजीत ऑफिस परिसर में अपनी बाइक रखकर अंदर ऑफिस में गया। जब वह वापस लौटा तो ऑफिस के पीछे वाले गेट से आए अंकित ने करीब डेढ़ मीटर दूर से उसको गोली मारी और अपनी बाइक से भाग गया।

पुलिस ने ठेकेदारों और ऑफिस के पीछे से भागने वाले टेटू वाले युवक की तलाश की तो अंकित यादव उर्फ टुंडा को उसके मामा के घर सिलवानी से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपी से माउजर और तीन जिन्दा कारतूस भी बरामद किए हैँ। हत्या के मुख्य आरोपी अंकित यादव टुन्डा सहित जसवंत रघुवंशी, एस कुमार चौबे, नरेश शर्मा और शैलेंद्र पटेल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

इससे पहले टॉवर लोकेशन के आधार पर शुक्रवार की सुबह 5 बजे एसपी विदिशा का फोन सिलवानी पुलिस के पास पहुंचा और आरोपी अंकित के वहां होने की जानकारी दी। इस पर सुबह 7 बजे आरोपी को उसके मामा के घर से गिरफ्तार कर लिया। विदिशा पुलिस वहां पहुंची और आराेपी अंकित को विदिशा लेकर आई।