Tuesday, September 23

मस्जिद में जहां मिली शिवलिंगनुममा आकृति वहां गंदगी फैलाने और अखिलेश, ओवैसी पर मुकदमें के मामले में सुनवाई आज

वाराणसी. ज्ञानवापी प्रकरण में जिला जज की अदालत तो मुकदमे की पोषणीयता, सर्वे रिपोर्ट पर बहस और सर्वे के वीडियो-फोटो लीक मामले पर जुलाई में सुनवाई करेगी। लेकिन उससे पहले एक अहम् मामले की सुनवाई आज होनी है, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम की अदालत में। इसमें कोर्ट ये निर्धारित करेगी कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर मुकदमा चलना चाहिए या नहीं। साथ ही सर्वे के दौरान जहां शिवलिंगनुमा आकृति मिली है वहां गंदगी फैलाने के मामले पर भी सुनवाई होगी।
अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने दिया था आवेदनबता दें कि अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में पिछले दिनों एक आवेदन दे कर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी व उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी सहित सात नामजद और सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने संबंधी आदेश देने की मांग की थी। अदालत में उसी आवेदन पत्र की पोषणीयता पर आज सुनवाई होगी। यहां ये भी बता दें कि अधिवक्ता पांडेय ने अपनी मांग के संदर्भ में अदालत के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए वक्त मांगा था। उनके आग्रह पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए दो जून की तिथि तय की थी।

ये है प्रकरणदंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अदालत में आवेदन पत्र दिया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में जहां शिवलिंगननुमा आकृति मिली है वहां हाथ-पैर धोए जाते हैं। थूका जाता है और गंदा पानी बहाया जाता है। इसे जान कर सनातन धर्मी आहत हैं। उन्होंने अपने आवेदन में विपक्ष पर साजिश के तहत उस शिवलिंगनुमा आकृति को को फौवारा कह कर सनातनधर्मियों की आस्था को ठेस पहुंचाई है। आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया है।

अखिलेश व ओवैसी पर ये है आरोप

यहां ये भी बता दें कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि,” पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रखकर झंडा लगा दो, तो वही भगवान और शिवलिंग है।” वहीं सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के विरुद्ध निरंतर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं। इनकी बातें जनभावनाओं के खिलाफ हैं।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व अन्य पर ये हैं आरोपअधिवक्ता पांडेय ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा पर साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। कहा है कि उनके आचरण से हिंदू समाज की भावनाएं आहात हुी है। ऐेसे में सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए। यहां ये भी बता दें कि अदालत जाने से पूर्व अधिवक्ता ने इस संबंध में वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को आवेदन पत्र दिया था और कार्रवाई न होने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया।

आवेदन खारिज करने की मांगउधर मौलाना अब्दुल वाकी और सैयद मोहम्मद यासीन की तरफ से अदालत में आवेदन प्रस्तुत कर अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय के आवेदन पत्र पर आपत्ति जताई है। कहा है कि इस प्रकरण की सुनवाई के लिए कोर्ट का क्षेत्राधिकार नहीं बनता है। लिहाजा आवेदन पत्र खारिज कर दिया जाए।