रीवा। Rewa
254 करोड़ रुपए बकाया भुगतान नहीं करने पर जेपी ग्रुप के रीवा थर्मल पॉवर प्लांट पर कुर्की कार्रवाई की गई है। प्लांट को सीज कर शासन के अधीन कर लिया गया है। कार्रवाई से बचने के लिए जेपी ग्रुप ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जहां से याचिका निरस्त होने के चलते वसूली के लिए अवसर देने बाद भी राशि जमा नहीं करने पर यह कार्रवाई की गई है।
बताया गया कि मेसर्स जेपी रीवा प्लांट द्वारा 38.5 मेगावॉट का केप्टिव पॉवर प्लांट लगाया गया है। इसका अनुमोदन 24 अगस्त 2006 को कार्यालय मुख्य अभियंता (विद्युत सुरक्षा) एवं मुख्य विद्युत निरीक्षक भोपाल द्वारा दिया गया था।
प्लांट को प्रोत्साहित करने शासन द्वारा विद्युत शुल्क में छूट प्रदान की गई थी, लेकिन निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया गया, जिसके चलते कई बार पत्र भी लिखा गया। शर्तें पूरी नहीं होने के चलते शासन ने छूट देने से इंकार कर दिया था।
2012 में दर्ज किया गया था वसूली का प्रकरण
सितंबर 2006 से नवंबर 2011 तक विद्युत शुल्क का भुगतान करने से जुड़े पत्र जारी होते रहे लेकिन प्रबंधन ने राशि जमा नहीं की। इस कारण 21 मार्च 2012 को विद्युत सुरक्षा कार्यालय द्वारा वसूली का प्रकरण दर्ज किया गया। वसूली रोकने की मांग लेकर जेपी प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जहां पर चली सुनवाई में शासन ने भी पक्ष प्रस्तुत किया और कोर्ट ने 24 जून 2021 को याचिका को निरस्त कर दिया। जिसके चलते अब जिला प्रशासन ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर प्लांट को सीज कर दिया है।
लेटलतीफी के चलते मूल राशि से अधिक हुआ ब्याज
वसूली के लिए जब प्रकरण दर्ज किया गया था तब 21 मार्च 2012 तक की अवधि में 71.27 करोड़ रुपए बकाया था। यह राशि जमा करने की बजाय जेपी गु्रप ने मामले को अधिक समय तक के लिए खींचने का प्रयास किया, जिसके चलते कंपनी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।
– यतीश शुक्ला, नायब तहसीलदार रीवा