कोलकाता। पृथ्वी पर सबसे धीमी गति से अगर कहीं METRO RAILWAY का काम चल रहा है तो वह है कोलकाता में। पहले 2019और अब 2022। एक के बाद एक हादसे। न ही कोई प्लानिंग न सरकार और रेलवे के बीच समन्वय। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को यह टिप्पणी की। चौधरी ने EAST-WEST METRO RAIL PROJECT लाइन निर्माण के दौरान बहूबाजार के दुर्गा पिटूरी लेन में क्षतिग्रस्त मकानों का जायजा लिया। दुर्गा पिटूरी लेन में लगातार चौथे दिन भी मकानों के तोडऩे की कार्रवाई के दरम्यान चौधरी ने साथ ही प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी पीड़ा जानी। उन्होंने साथ ही पीडि़त परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि कोलकाता मेट्रो रेलवे कारपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) और प्रदेश सरकार के बीच कोई तालमेल नहीं।
यहां सबकुछ अपनी मर्जी से हो रहा
यहां सबकुछ अपनी मर्जी से काम हो रहा। हर आदमी खुद को टेक्निकल एक्सपर्ट समझकर काम कर रहा है। इसका नतीजा स्थानीय निवासी भुगतने को मजबूर हो रहे। किसी की रोजी-रोटी तो किसी का आशियाना उजड़ गया। उसपर से कुछ राजनीतिक नेता अपनी-अपनी रोटियां सेंकने से भी बाज नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यहां मेट्रो के सुरंग की खुदाई का काम 2019 से आजतक सुस्त गति से चल रहा है वैसा उन्होंने पूरे देश में किसी भी राज्य में नहीं देखा। एक सवाल पर कहा कि टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) हमेशा सीधे मार्ग से ही जाता है न कि उलटे-उबड़-खाबड़ तंग गलियों से।
यहां सबकुछ अपनी मर्जी से काम हो रहा। हर आदमी खुद को टेक्निकल एक्सपर्ट समझकर काम कर रहा है। इसका नतीजा स्थानीय निवासी भुगतने को मजबूर हो रहे। किसी की रोजी-रोटी तो किसी का आशियाना उजड़ गया। उसपर से कुछ राजनीतिक नेता अपनी-अपनी रोटियां सेंकने से भी बाज नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यहां मेट्रो के सुरंग की खुदाई का काम 2019 से आजतक सुस्त गति से चल रहा है वैसा उन्होंने पूरे देश में किसी भी राज्य में नहीं देखा। एक सवाल पर कहा कि टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) हमेशा सीधे मार्ग से ही जाता है न कि उलटे-उबड़-खाबड़ तंग गलियों से।
तो फिर नहीं आती ऐसी नौबत
अगर टीबीएम बहूबाजार के मेन रोड से ले जाया हगया होता तो यह नौबत ही नहीं आती। आखिर क्या मजबूरी थी कि इतनी संकरी तंग गली से टीबीएम को निकालने की। उन्होंने कहा कि योजना बनाकर कोई काम नहीं हुआ। सभी एक दूसरे पे आरोप-प्रत्यारोप लगाने में तुले हैं। सरकार को चाहिए कि जिनके घर तबाह हुए उनके पुनर्वास की समुचित इंतजाम किए जाएं। यहां के लोग भय के साए में रह रहे हैं। र कोई सहमा है कि न जाने कब कौन सी आफत आ जाए। इस गली के 19नंबर मकान की पीडि़त महिला से बातचीत के दौरान उन्होंने मदद का भरोसा दिया। चौधरी ने कहा कि वे रेलमंत्री से मिलकर यहां के हालात की पूरी जानकारी देंगे। दौरे के दौरान चौधरी से जादवपुर के तकनीकी विशेषज्ञों ने भी मुलाकात की।
अगर टीबीएम बहूबाजार के मेन रोड से ले जाया हगया होता तो यह नौबत ही नहीं आती। आखिर क्या मजबूरी थी कि इतनी संकरी तंग गली से टीबीएम को निकालने की। उन्होंने कहा कि योजना बनाकर कोई काम नहीं हुआ। सभी एक दूसरे पे आरोप-प्रत्यारोप लगाने में तुले हैं। सरकार को चाहिए कि जिनके घर तबाह हुए उनके पुनर्वास की समुचित इंतजाम किए जाएं। यहां के लोग भय के साए में रह रहे हैं। र कोई सहमा है कि न जाने कब कौन सी आफत आ जाए। इस गली के 19नंबर मकान की पीडि़त महिला से बातचीत के दौरान उन्होंने मदद का भरोसा दिया। चौधरी ने कहा कि वे रेलमंत्री से मिलकर यहां के हालात की पूरी जानकारी देंगे। दौरे के दौरान चौधरी से जादवपुर के तकनीकी विशेषज्ञों ने भी मुलाकात की।
मकान तोडऩा जारी
उधर दुर्गा पिटूरी लेन में मकान तोडऩे में कर्मचारी गुरुवार को भी लगे रहे। धीरे-धीरे मकानों को गिराने की कार्रवाई की जा रही है। गली में सन्नाटा पसरा है। कोलकाता के पुलिसकर्मी अपनी डयूटी में मुस्तैद हैं। घरों में रहने वाले कम रह गए।
उधर दुर्गा पिटूरी लेन में मकान तोडऩे में कर्मचारी गुरुवार को भी लगे रहे। धीरे-धीरे मकानों को गिराने की कार्रवाई की जा रही है। गली में सन्नाटा पसरा है। कोलकाता के पुलिसकर्मी अपनी डयूटी में मुस्तैद हैं। घरों में रहने वाले कम रह गए।