Wednesday, September 24

31 साल बाद जेल से छूटेगा राजीव गांधी का हत्यारा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

भारत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्याकांड का दोषी एजी पेरारीवलन 31 साल बाद जेल से रिहा होने जा रहा है। भारत की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई का आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और बी.आर. गवई की पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार का यूज करते हुए रिहाई का आदेश दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या में ताउम्र कैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन की रिहाई के लिए याचिका दायर की गई थी जिसमें कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि केंद्र सरकार ने इसके रिहाई पर असहमति जताते हुए दया याचिका पर फैसले आने तक इंतजार करने को कहा था।

आपको बता दें कि एजी पेरारिवलन को 11 जून, 1991 में गिरफ्तार किया गया था तब वह 19 साल का था। पेरारिवलन पर हत्या का मास्टरमाइंड के लिए दो 9 वोल्ट की बैटरी खरीदने का आरोप है। हत्या में इस्तेमाल होने वाले बम में इन्ही बैटरियों का यूज किया गया था।

केंद्र ने रिहाई का किया था विरोध
11 मई से पहले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और बी.आर. गवई की पीठ ने केंद्र सरकार के उस सुझाव से असहमति जताई, जिसमें केंद्र सरकार ने एजी पेरारिवलन की दया याचिका पर फैसला आने तक अदालत को इंतजार करने को कहा था।

सात लोगों को ठहराया गया था दोषी
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी थी, जिसकी पहचान धनु के रूप में थी। राजीव गांधी हत्याकांड में 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था। सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2014 सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दया याचिका पर निर्णय लेने में राष्ट्रपति द्वारा अत्यधिक देरी का हवाला देते हुए उनकी सजा आजीवन कारावास में बदल दी।