वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद के तहत सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के आदेश पर पांच दिनों तक चली सर्वे की कार्यवाही के अंतिम दिन सोमवार को मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला। इसके बाद इस प्रकरण में सोमवार को ही अदालत में शिवलिंग वाले स्थान को सील करने की मांग वाली याचिका दायर की गई। इस पर कोर्ट ने कलेक्टर वाराणसी को तालाब सील करने का आदेश जारी कर दिया।
बता दें कि सर्व से बाहर निकलने के बाद शृंगार गौरी प्रकरण की पांचों वादिनी के पैरोकार सोहनलाल आर्य ने कहा कि ‘नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वो बाबा मिल गए।’ उन्होंने तालाब की ओर इशारा करते हुए कहा कि दोहे के जरिए कहा, “जिन खोजा तिन पाइयां। तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है।” डॉ. सोहनलाल शृंगार गौरी प्रकरण की पांचों वादिनी के पैरोकार हैं।
वादी पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने उक्त स्थान को सील करने का आदेश जारी क़िया। पीठासीन अधिकारी रवि कुमार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, शिवलिंग मस्जिद परिसर में पाया गया है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया कि वह उक्त स्थान को सील कर दे।
वहीं जिलाधिकारी को आदेशित किया कि मस्जिद में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दें।