Friday, September 26

स्वास्थ्य विभाग की सख्ती, निजी क्लीनिकों की हो रही जांच

विदिशा। स्वास्थ्य विभाग अब निजी क्लीनिकों, पैथोलॉजी लैब आदि पर सख्ती बरतने जा रहा है। इसके तहत सभी प्राइवेट क्लीनिकों की जांच का कार्य शुरू किया गया है। इसके तहत जिले भर में क्लीनिकों का निरीक्षण कार्य शुरू किया गया है। स्वास्थ्य विभाग का पंजीयन व व्यवस्थाएं व कार्य प्रणाली देखी जा रही है। प्राइवेट नर्सिंग होम में अग्निशमन यंत्रों व फायर नियमों के पालन का निरीक्षण किया जा चुका इसमें सभी नर्सिंग होम ठीक पाए गए, लेकिन जगह-जगह खुले क्लीनिकों में स्वास्थ्य विभाग का पंजीयन न होना सामने आ रहा है। इस पर कार्रवाई व जांच की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों शहर में दो निजी क्लीनिक एवं एक पैथोलॉजी लैब बिना स्वास्थ्य विभाग के रजिस्ट्रेशन के संचालित पाई गई। इनमें शिव पैथोलॉजी लैब, मेडिकल डेंटल क्लीनिक एवं बेतवा सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक शामिल है। जांच के बाद दो ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर दिया है जबकि एक को नोटिस जारी किया गया है। इसी अभियान के चलते ग्यारसपुर के मानौरा में एक दवा दुकान में क्लीनिक चलते एवं बिना एमबीबीएस डॉक्टर लिखे बिना यहां अबॉर्शन किट आदि का विक्रय होना पाए जाने पर बीएमओ द्वारा यह दुकान सील की गई है। चिकित्सा टीम का कहना है कि बिना स्वास्थ्य विभाग के रजिस्ट्रेशन के एवं नियम विरुद्ध चलने वाली सभी क्लीनिकों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत सभी प्राइवेट क्लीनिकों की जांच का कार्य शुरू किया गया है जो सतत जारी रहेगा। इस निरीक्षण टीम का कहना है कि जिले में क्लीनिकों, पैथोलॉजी लैब आदि की संख्या बढ़ती जा रही है। मरीजों के स्वास्थ्य के साथ किसी तरह का खिलवाड़ न हो इस पर निगरानी रखने के लिए यह कार्य शुरू किया गया है। इसमें क्लीनिक में चाहे आयुर्वेदिक, एलोपैथी या अन्य किसी पद्धति से चिकित्सा की जा रही हो लेकिन क्लीनिक में रजिस्ट्रेशन का दस्तावेज लगा होना जरूरी है। इसके अलावा क्लीनिक की उपचार संबंधी गतिविधियों को भी देखा जा रहा है। वहीं चिकित्सक के लेटरपेड पर रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित होना जरूरी है।

पहले समझाइश व नोटिस बाद क्लीनिक सील व एफआइआर

जांच टीम के मुताबिक क्लीनिक पैथोलॉजी की जांच के दौरान रजिस्ट्रेशन नंबर न पाए जाने पर समझाइश फिर रजिस्ट्रेशन के लिए सात दिवस का नोटिस और इसके बाद क्लीनिक सील एवं एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में राजस्व एवं पुलिस विभाग का भी सहयोग भी लिया जाएगा। यह कार्रवाई जिले भर में की जा रही है और इसके तहत आम लोगों से भी ऐसे क्लीनिकों की जानकारी देने के लिए जागरुक किया जा रहा है ताकि उन्हें स्वास्थ्य सेवा में किसी तरह का नुकसान न उठाना पड़े।

जिले में 24 नर्सिंग होम एवं 130 क्लीनिक, पैथोलॉजी व अन्य जांच सेंटर
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 24 नसिँंग होम है। इसके अलावा निजी क्लीनिकों की संख्या 130 है जिनमें पैथोलॉजी लैब, एक्सरे, सोनोग्रॉफी, सीटी स्केन सेंटर आदि भी शामिल है। पूर्व में कई नसिँग होम में अग्निशमन यंत्र संबंधी कमियां पाई थी लेकिन भोपाल में आग संंबंधी एक हादसे के बाद सभी को नोटिस दिए गए थे जिससे यह सभी कमियां पूरी हो चुकी है। फिर भी अगर किसी नर्सिंग होम संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई तो शीघ्रता के साथ कार्रवाई की जाएगी।

शासकीय चिकित्सकों पर भी नजर
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस कार्रवाई के दौरान शासकीय चिकित्सकों पर इस बात को लेकर नजर रखी जा रही है कि कहीं वे निजी नसिंर्ग होम में तो अपनी सेवाएं नहीं दे रहे। इस तरह की िस्थति सामने आने पर ऐसे चिकित्सकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। निजी नर्सिंग होम की जांच के दौरान इन अस्पतालों में सेवाएं देने चिकित्सकों के नाम आदि की भी जानकारी ली जा रही है। इसके तहत नसिँंग होम में बोर्ड पर लिखे चिकित्सकों के नामों को भी देखा जा रहा है। किसी तरह की जानकारी मिलने पर सीसीटीवी फुटेज भी देखे जा सकेंगे।

नागरिकों को भी किया जाएगा जागरुक
नर्सिंग होम एवं प्राइवेट क्लीनिकों की जांच के लिए बनाए गए नोडल अ धिकारी डॉ. भूपेंद्रसिंह चौहान का कहना है कि नागरिकों को इस संबंध में जागरुक किया जाएगा कि वे उपचार के लिए जिस भी क्लीनिक में जाएं वहां क्लीनिक के अंदर रजिस्ट्रेशन लगा हुआ जरूर देखें। दवा संबंधी लेटरपेड पर्चे पर भी रजिस्ट्रेशन नंबर देखें और रजिस्ट्रेशन न होने पर सीएमएचओ कार्यालय को अवगत कराएं ताकि इस तरह की क्लीनिक या पैथोलॉजी की जांच की जा सके।