Saturday, September 27

शहर में बनेगा 150 बिस्तरों का नया अस्पताल, यहां सिर्फ ‘वायरस’ का होगा इलाज

-एम्स में 100 करोड़ से बनेगा नया अस्पताल: डीपीआर हो चुकी है तैयार, निर्माण भी जल्द
-अस्पताल में सिर्फ वायरस से होने वाली संक्रामक बीमारियों का उपचार करेंगे

भोपाल। बीते दो सालों में कोरोना ने शहर को गहरे जख्म दिए। जहां लाखों लोग संक्रमित हुए वहीं हजारों मरीजों ने जान गवां दी। यह सिर्फ इसलिए कि हमारे पास कोरोना जैसी संक्रामक बीमारियों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी। सिर्फ कोरोना ही नहीं इबोला और जीका वायरस से लेकर डेंगू, चिकनगुनिया व स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां हर साल लोगों को शिकार बनाती हैं।

अब इन बीमारियों के इलाज के लिए एम्स भोपाल में 150 बिस्तरों का नया अस्पताल तैयार किया जाएगा। करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस अस्पताल में सिर्फ वायरस से होने वाली संक्रामक बीमारियों का ही इलाज किया जाएगा। अस्पताल की डीपीआर तैयार हो चुकी है, जल्द ही इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा। एम्स प्रबंधन के मुताबिक दो साल में इस अस्पताल में इलाज की सुविधा शुरू हो जाएगी।

खास होगा भवन

संक्रामक बीमारियां हवा से फैलती हैं, ऐसे में भवन का निर्माण खास तरीके से होगा। हवा के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। भवन का डिजाइन ऐसा होगा कि वायरस हवा में उड़कर दूसरे को संक्रमित ना कर सकें।

इन बीमारियों का इलाज

एम्स की अधीक्षक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव बताती हैं कि मरीजों को जल्द ही कई विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। कोरेाना जैसी घातक बीमारियों के साथ, इबोला, जीका, स्वाइन फ्लू के साथ अन्य बीमारियों का इलाज होगा

प्रदेश की सबसे बड़ी क्रिटिकल केयर यूनिट

एम्स में क्रिटिकल केयर यूनिट तैयार होगी, जहां गंभीर मरीजों का उपचार होगा। यहां उन मरीजों रखा जाएगा जो दुर्घटना ग्रस्त होकर अस्पताल पहुंचेंगे। हृदय रोग के मरीजों के लिए कोरोनेरी केयर यूनिट शुरू की जाएगी। यहां गंभीर मरीज ही रहेंगे। क्रिटिकल केयर यूनिट हाईटेक संसाधनों से लैस है। मरीजों की सांस, खून एवं हृदय गति को काबू करने के लिए मल्टी पैरा मॉनीटर के अलावा वेंटीलेटर, सिरिंज पंप, इंफ्यूजन पंप, डीफेब्रिलेटर, दवाओं के रखरखाव के लिए क्रेश कार्ड समेत कई हाईटेक उपकरण रहेंगे।