Sunday, September 28

तो बारिश में टापू बन जाएगा सफली गांव

मंडीबामोरा. कंजी नदी पर पुल नहीं होने के कारण डेढ़ माह बाद सफली गांव फिर टापू बन जाएगा। इससे करीब 1000 ग्रामीणों को सफली गांव की सीमा से बाहर निकलना मुश्किल होगा। लेकिन ग्रामीणों के इन हालातों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा गांव की इस समस्या को लेकर वर्षों से अनदेखी की जा रही है। मंडी बामोरा से करीब छह किमी दूर ग्राम सफली के ग्रामीणों को इन दिनों में कीचड़ में से निकलना पड़ रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि बरसात में नदी में से रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है। अत्यावश्क कार्यों के लिए ग्रामीण नहर के पाइप में से निकलकर मंडीबामोरा सहित अन्य स्थानों पर आते-जाते है। ग्रामीणों ने बताया कि देश की आजादी के 75 बरस होने को है लेकिन सिस्टम की अव्यवस्थाओं के चलते वे बारिश में आज भी खुद को कैद महसूस करते है।

न सड़क, ना पुल
ग्रामीणों का कहना है कि गांव अब तक सड़क से नहीं जुड़ पाए है। सफली गांव से बाहर निकलने के लिए एक रास्ते पर पुल नहीं है तो वहीं दूसरा एक किमी का रास्ता कच्चा है। अरूण प्रतापसिंह ठाकुर ने बताया कि बीते वर्ष बारिश में गांव के एक युवक को करंट लग गया था। ग्रामीण ट्रैक्टर—ट्राली से उसे मंडीबामोरा ले जा रहे थे। लेकिन कंजी नदी में ट्रैक्टर—ट्राली कीचड़ में फंसकर रह गई जिससे युवक ने नदी में ही दम तोड़ दिया था।
पुल के लिए सात साल से नदी मे खड़े पिलर
ग्रामीण रामसिंह लोधी, नथनसिंह ने बताया कि ग्रामीण कीचड़ और पानी से होकर गुजर रहे हैं। 7 साल पहले पुल का निर्माण कार्य शुरू किया था। जिसके सिर्फ प्लर नदी में खड़े है। पुल का काम अधूरा है। दूसरे रास्ते में सफली गांव से ठाकुर बाबा के चबूतरे तक लगभग एक किमी सड़क नहीं है। ग्राम के हरनाम सिंह, गंदर्भ सिंह, जसपाल, थानसिंह, पूरनसिंह, कल्लू सिंह, नवल सिंह, गोपाल सिंह, अभिषेक, जगतसिंह ने शीघ्र सड़क और पुल निर्माण कराने की मांग की है।
तत्काल संबंधित अधिकारियों से बात करके उन्हें बारिश के पहले सड़क व पुल निर्माण करने के लिए निर्देशित करूंगी। ताकि ग्रामीणों को बरसात में परेशानी नहीं हो।
अंजली शाह, एसडीएम, कुरवाई