Monday, September 29

यहां गेहूं के अच्छे दाम मिलने के साथ नकद मिल रहा है पूरा पैसा

सीहोर. समर्थन मूल्य के दाम 2015 रुपए क्विंटल होने के बावजूद भी किसान अपना गेहूं मंडियों में जाकर बेच रहे हैं, जिसका मुख्य कारण ये है कि मंडियों में अच्छा दाम मिल रहा है, इसी के साथ किसानों को उनकी उपज का पूरा पैसा भी नकद मिल रहा है, यहां उनसे किसी भी प्रकार का अन्य खर्च भी नहीं काटा जा रहा है, इस कारण किसान खेत से गेहूं निकालने के बाद सीधे मंडियों में लेकर पहुंच रहे हैं, क्योंकि मंडियों में गेहूं किस्म अनुसार 2200 से लेकर 2400 रुपए तक आसानी से बिक रहा है, इससे भी अच्छी किस्म होने पर गेहूं 4500 रुपए क्विंटल तक जा रहा है

कृषि उपज मंडियों में अच्छे भाव चलने से इस बार समर्थन मूल्य केंद्रों पर किसान गेहूं बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इससे खरीदी का आंकड़ा पिछड़ता जा रहा है। पिछले साल मई महीने के प्रथम सप्ताह में केंद्रों पर लगभग पांच लाख 25 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदी हो गई थी, लेकिन इस साल चार लाख 18 हजार 783 मीट्रिक टन हुई है। अब केंद्रों पर किसान कम पहुंच रहे हैं, जिससे लक्ष्य होना मुश्किल है।

जिले में चार अप्रेल से समर्थन केंद्रों पर पंजीकृत किसानों से खरीदी शुरू हो गई थी। एक महीने में पंजीकृत 94 हजार 758 में से 48 हजार 940 किसानों ने ही केंद्रों पर उपज बेची है। समर्थन केंद्रों पर आवक कम होने से मंडियों में गेहूं के अच्छे भाव होना बताया जा रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अफसरों का तर्क है कि किसानों को भाव के साथ नकद पैसा मिलता है, उसी से मंडी में बेच रहे हैं। इससे पिछले साल केंद्रों पर हुई सात लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी संभव नहीं है। केंद्रों पर आवक कम होता देख अब खरीदी का लक्ष्य घटाकर पांच लाख मीट्रिक टन कर दिया है।

16 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन
हर साल की तरह इस साल भी किसानों ने गेहूं फसल को खेत में अधिक स्थान दिया था। किसानों ने लोकवन, शरबती, तेजस, पूर्णा के अलावा अन्य वैरायटी के गेहूं की बोवनी की थी। जिसका उनको न्यूनतम 28 और अधिकतम 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गेहूं की पैदावार हुई है। कृषि विभाग के अनुसार इस बार जिलेभर में करीब 16 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ है। पिछले साल 15 लाख 90 हजार एमटी के आसपास ही उत्पादन था।

इधर, बैंक नहीं दे रही पर्याप्त पैसा
दोराहा समर्थन मूल्य खरीदी केेंद्रों पर गेहूं की उपज बेचने काखाते में पैसा आने के बावजूद दोराहा क्षेत्र के किसान बैंकों के चक्कर काटने मजबूर हैं। बताया जाता है कि किसान खाते से पैसा निकालने जाते हैं तो बैंक वाले उनको आधा अधूरा भुगतान कर रहे हैं। किसान पूरा पैसा निकालने की बात कहते हैं तो एक दो दिन बाद आने की बात कहकर चलता कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि उनके कामकाज अटक रहे हैं, उसके बावजूद इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यदि जल्द ही समस्या दूर नहीं हुई तो धरना, प्रदर्शन या फिर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

इस बार गेहूं के भाव कृषि उपज मंडियों में अ’छे चल रहे हैं, उसी की वजह से अधिकांश किसान मंडी में ही अपनी उपज बेच रहे हैं। इसके कारण ही समर्थन मूल्य केंद्र पर आवक कम हो रही है।
-एसके तिवारी, जिला आपूर्ति अधिकारी सीहोर

समर्थन मूल्य केंद्रों पर खरीदे जा रहे गेहूं का भुगतान बिना किसी रुकावट के किसानों को तेजी से किया जा रहा है। अब तक 489 करोड़ रुपए का किसानों को भुगतान किया जा चुका है।
-शबहत सलमान, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम सीहोर