दिल्ली से फ्री बिजली के दौर को शुरू करने वाली आप सरकार ने इस मामले में एक यू टर्न लिया है। अरविंद केजरीवाल कैबिनेट ने 5 मई को अहम फैसला लिया है कि अब हम दिल्ली में लोगों को विकल्प देंगे अगर वो सब्सिडी नहीं लेना चाहते हैं तो उनको सब्सिडी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी 1 अक्टूबर से उन्हें ही बिजली मिलेगी जो लोग सब्सिडी मांगेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अध्यक्षता में आज कैबिनेट मीटिंग में देश की राजनीति और अर्थनीति को बदलने वाले फैसले लिए गए। मीटिंग के बाद खुद मुख्यमंत्री द्वारा कई अहम फैसलों को मंजूरी की जानकारी दी गई है। इस बैठक में दिल्ली सरकार की ओर से जहां अपनी महत्वाकांक्षी ‘दिल्ली स्टार्ट-अप नीति’ को मंजूरी दी गई है। साथ ही मुफ्त बिजली (Free Electricity) पर सब्सिडी प्राप्त करने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी अहम फैसला लिया है। बैठक में कहा गया है कि अगर कोई उपभोक्ता बिजली पर सब्सिडी छोड़ना चाहता है तो उसको यह विकल्प दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार 20 लोगों की एक स्टार्ट अप टास्क फोर्स बनाएगी सरकार
दिल्ली सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी को प्रथम दृष्टया बेहद महात्वाकांक्षी माना जा रहा है। सीएम केजरीवाल ने बताया कि मान लीजिए हमने चार्टेड एकाउंटेंट का एक पैनल बनाया तो वो उनकी मदद करेगा, पैसा दिल्ली सरकार देगी। स्टार्ट अप करने वाले युवाओं को सभी मदद फ्री में दी जाएंगी। दिल्ली सरकार जो सामान खरीदती है, उसमें हम इन युवाओं के लिए नियम में ढिलाई देंगे। लेकिन सामान की क्वालिटी में समझौता नहीं होगा। अगर कोई छात्र कॉलेज की पढ़ाई के दौरान कोई उत्पाद बनाता है तो उसे 2 साल तक की छुट्टी भी दी जा सकती है। इसके लिए 20 लोगों की एक टास्क फोर्स बनाई जा रही है।