Tuesday, September 30

पाकिस्तान से आतंक की ट्रेनिंग लेकर लौटे 17 कश्मीरी छात्र मुठभेड़ों में ढेर, स्लीपर सेल में हुए थे भर्ती

पढ़ाई के नाम पर पाकिस्तान गए कश्मीरी छात्रों में से कुछ वहां से आतंक की ट्रेनिंग लेकर लौट रहे हैं। आतंक का स्लीपर सेल बने ऐसे 17 छात्रों को सुरक्षा बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियान में मार गिराया है। मारे गए सभी 17 पाकिस्तानी युवक वैध यात्रा दस्तावेजों पर पाकिस्तान गए थे। अधिकारियों के अनुसार, 2015 के बाद से बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा हासिल करने, रिश्तेदारों से मिलने या शादी के मकसद से युवा पाकिस्तान गए थे।

एक मजबूत अलगाववादी लॉबी हुर्रियत नेताओं से सिफारिशी लेटर लेने के साथ ही पाकिस्तान दूतावास से अन्य वैध यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था करती है। यही लोग पाकिस्तान में छात्रों और उनके अभिभावकों के रहने समेत अन्य सभी व्यवस्थाएं करते हैं। इन युवकों को सीमा पार बरगलाया गया और उनमें से कुछ को हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया या स्लीपर सेल में भर्ती किया गया, ताकि सीमा पार बैठे हैंडलर के साथ साझा करने के लिए जानकारी एकत्र की जा सके।

मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी उनका इस्तेमाल किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि माना जाता था कि वे उस देश में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस संबंध में एक हुर्रियत नेता और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र पेश किया है। इस नेता पर पाकिस्तान के विभिन्न कॉलेज की MBBS सीटें बेचने और इससे प्राप्त धन का उपयोग आतंकी गतिविधियों करने का आरोप है।

UGC ने पाक सर्टिफिकेट अमान्य किया
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के एक फैसले ने कश्मीरी छात्रों को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में पढ़ाई के नाम पर जाने से रोक दिया है। UGC के इस फैसले के पहले पाकिस्तान के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला ले चुके सैकड़ों कश्मीरी छात्र परेशान हैं।

पाक कॉलेजों में कश्मीरी छात्रों को स्कॉलरशिप
2020 में इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी सरकार ने वहां के कॉलेजों में कश्मीरी छात्रों के लिए 1600 स्कॉलरशिप की घोषणा की थी। तब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान में छात्रों को आसानी से कट्टरपंथी बनाया जा सकता है। गनीमत रही कि कोरोना लॉकडाउन के कारण अपेक्षाकृत कम संख्या में कश्मीरी छात्र दाखिले के लिए पाकिस्तान गए।

सुरक्षा एजेंसियों ने भी छात्रों के पलायन को देखते हुए जांच बढ़ाई। इस कारण कई कश्मीरी अभिभावकों ने बच्चों को पाकिस्तान भेजने से परहेज किया। हालांकि इसकी वजह सर्टिफिकेट का अमान्य होना है।

PoK के कॉलेजों में कश्मीरी छात्रों का कोटा
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कॉलेजों में भारतीय प्रशासित कश्मीर के छात्रों के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण लागू है। पाकिस्तानी कॉलेजों में भी कुछ सीटें आरक्षित होती हैं। MBBS जैसे महंगे पाठ्यक्रमों के लिए भी प्रवेश मुफ्त है।

चीन में पढ़ाई न करने को लेकर जारी हुई थी चेतावनी
पाकिस्तान में पढ़ाई न करने की एडवायजरी से एक महीने पहले सरकार ने चीन में पढ़ाई न करने को लेकर छात्रों को आगाह किया था। UGC के फैसले से ठीक पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय छात्रों की चीनी यूनिवर्सिटीज में वापसी को लेकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से चर्चा की थी। मार्च के आखिरी हफ्ते में जारी UGC की एडवायजरी में छात्रों से चीन में पढ़ाई के लिए न जाने की अपील की गई थी। साथ ही सरकार ने चीन से हासिल ऑनलाइन डिग्रियों की मान्यता रद्द कर दी थी।