विकासखंड में 70 प्रतिशत नदी-नाले और तालाब सूखे पड़े हैं। पच्चीस गांवों में जमीनी जल स्तर 25 से 30 फीट नीचे चला गया। हर गांव में दो से तीन हैंडपंप बंद पड़े हैं। कुल 1847 में से आधे से ज्यादा बूंद बूंद पानी निकल रहा है। ग्रामीणों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। लोग रात को दूर दराज के गांवों से पानी ढोकर ला रहे हैं।
गंजबासौदा और त्योंदा तहसील में कई गांव ऐसे है जहां पिछले 20 सालों से भूजल स्तर में तेजी से कमी आ रही है। हर साल इन गांव के नलकूपों में पाइप बढ़ा रहे हैं। हालात यह हैं कि नलकूपों में राइजिंग लाइनें ओवर लोड हो चुकी हैं। इनकी स्थिति अब ऐसी नहीं है।
अतिरिक्त पाइपों का बोझ सहन कर सकें। हैंड पंपों में राइजिंग लाइन की लंबाई 200 से 230 फीट पहुंचने के कारण पानी भी पर्याप्त नहीं मिल रहा। इतनी गहराई से हैंडपंप पानी भी नहीं उठा पा रहे हैं। 75 फीसदी गांव में आधे नलकूपों की स्थिति खराब है। पीएचई के अधिकारी प्रतिदिन 25 हैंडपंप ठीक कराने का दावा कर रहे हैं। रोज इतने ही बंद हो रहे हैं। मरम्मत भी कारगर साबित नहीं हो रही।
31 नल जल योजनाएं बंद
विकासखंड में 69 नल जल योजनाएं है उनमें से 31 बंद पड़ी थी। यह लंबे समय से बंद पड़ी हैं। उनको भी शुरू कराए जाने का प्रयास अब तक असफल रहे हैं। कई योजनाओं का सामान चारी चला गया। कई नल जल योजनाओं के जल स्त्रोत जबाव दे चुके हैं इसलिए बंद है। अब बंद योजना का प्रारंभ करने जल जीवन मिशन में बदल जा रहा है। लेकिन जल स्त्रोत की दिक्कत इनमें भी समस्या बन सकती है।
कबाड़ से जुगाड़ कर रहे
पीएचई का दावा है ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूप मरम्मत के लिए ठेका दिया गया है। सामग्री भी पर्याप्त है। जबकि दूसरी तरफ ग्रामीणों का कहना है हैंड पंप जुगाड़ से ठीक किए जा रहे हैं। मरम्मत के दो तीन दिन में हैंड पंप पूर्व की स्थिति में आ रहे हैं। इधर विभाग के कर्मचारी जानकारी देने से कतराते हैं। पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हैं।
हैंडपंप ओवर लोड
इन गांवों के हैंडपंप ओवर लोड हैं। उनकी लाइनों में 18 से 23 पाइप पड़े हैं। कहीं कहीं तो इनसे जरूरत महसूस हो रही हैं। लेकिन राइजिंग लाइन ओवर लोड होने से एक भी पाईप ज्यादा बढ़ाने की कोशिश गई तो पूरी लाईन गड्ढे में चली जाएगी। गडढ़ों में पानी 200 फीट से ज्यादा नीचे तक पहुंच चुका है। इतनी गहराई से जमीन की सतह तक पानी लाने में कठिन आ रही है। बूंद बूंद पानी हैंडपंप में आ रहा था। अब जल स्तर घटने से लगातार बंद हो रहे हैं।
पानी ढोकर ला रहे लाेग
हर गांव में आधे से ज्यादा हैंडपंप बंद होने के कारण गांव के लोग पानी दूसरे गांवों या दूर दराज के खेतों में कुओं नलकूपों से बैलगाड़ी, ट्रैक्टर और साइकिलों व पैदल कनस्तरों ढोकर ला रहे हैं। रात रात भर ग्रामीण पानी ढो रहे हैं। दिन में मेहनत मजदूरी कर रहे हैं और रात में पानी ढो रहे हैं।
इनका जल स्तर 30 फीट घटा
बासौदा और त्योंदा तहसील के जिन ग्रामों का भूजल स्तर 30 फीट घटा उनमें तरावली, बरोदिया, लमन्या, उदयपुर, आबूपुर कूचौली, अमोदा, हांसुआ, पिपराहा, मांसेर, ढोल बाज, सेमरा, जफराबाद पिपरिया, रजोदा, बामोरी हसनपुर, कस्बा बागरोद, लेहदरा, बरोदिया, भिलांया का मोंजा काला पठार, सूजा मालूद, सत्ताखेड़ी जाजोन, स्वरूपनगर, लाल पठार, बेहलोट, काली पठार, हरदूखेड़ी, घटेरा व रसूलपुर व त्योंदा हैं।
आ रही हैं शिकायतें
पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जहां वाटर लेबल ज्यादा नीचे आ गया है। वहां दिक्कत आ रही है। रोज पच्चीस हैंडपंप ठीक हो रहे हैं। किंतु इतने ही नए बंद होने की शिकायतें आ रही हैं। -हनुमंत कश्यप, एसडीओ पीएचई गंजबासौदा।