Saturday, October 4

56 देशों की 10% आबादी भी वैक्सीनेटेड नहीं, भारत में सिर्फ 2% लोगों को ही लगा बूस्टर डोज

A medic shows a vial of AstraZeneca’s COVISHIELD coronavirus disease (COVID-19) vaccine in Yangon, Myanmar, after the country received 1.5 million doses of the vaccine manufactured by the Serum Institute of India, January 27, 2021. REUTERS/Shwe Paw Mya Tin

दुनिया भर में कोरोना वैक्सीनेशन की असमानता पर जॉन हॉपकिंस की वैज्ञानिक अमिता गुप्ता ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि जब तक विश्व में हर एक इंसान को वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक कोई सुरक्षित नहीं है। जहां भारत में 2% लोगों को ही बूस्टर डोज दिया गया है, वहीं 56 देश ऐसे हैं जिनकी 10% आबादी को भी वैक्सीन नहीं लग पाई है।

अफ्रीका के हालात बेहद खराब

वैक्सीनेशन कवरेज की बात की जाए तो अफ्रीकी देशों की हालत काफी खस्ता है। गुप्ता के मुताबिक, फिलहाल अफ्रीका में 20% से भी कम लोगों को कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लगी है। वहां कुछ देश ऐसे भी हैं जहां सिर्फ 2% लोगों का ही वैक्सीनेशन हो पाया है। ऐसा ही चलता रहा तो हम कोरोना को आसानी से नहीं हरा पाएंगे।

वैक्सीनेशन की जरूरत का सबसे बड़ा उदाहरण ओमिक्रॉन
गुप्ता की मानें तो पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में डिटेक्ट किया गया ओमिक्रॉन वैरिएंट हमें वैक्सीनेशन की अहमियत समझाता है। यदि अफ्रीकी देशों में वैक्सीनेशन इसी तरह धीमा रह गया, तो आगे जाकर कोरोना के और भी नए वैरिएंट्स आने का खतरा मंडराता रहेगा।

भारत को वैक्सीनेशन की गति तेज करना जरूरी

गुप्ता के अनुसार, वैक्सीन के मामले में भारत के हाल भी बहुत अच्छे नहीं हैं। देश के सभी इलाकों में लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है। साथ ही बूस्टर डोज लगाने की गति काफी धीमी है। केवल 2% लोगों को ही प्रिकॉशन डोज मिल पाई है। इतनी घनी आबादी वाले देश के लिए सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन प्राथमिकता होनी चाहिए।

महामारी खत्म हुई, ये समझना भूल
अभी महामारी खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। गुप्ता कहती हैं कि नए वैरिएंट्स आने की संभावना अब भी बरकरार है। अभी सिर्फ हाई इनकम और अपर मिडिल इनकम देशों में ही सबसे ज्यादा वैक्सीन्स लगाई गई हैं। स्टडीज में बताया जा रहा है कि अभी मौजूद वैक्सीन्स ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट्स के गंभीर संक्रमण के खिलाफ कम कारगर हैं, लेकिन ये फिर भी 50% से ज्यादा इफेक्टिव हैं।

भविष्य में कोरोना को लेकर 3 संभावनाएं

कोरोना महामारी को लेकर गुप्ता ने 3 संभावनाएं बताई हैं। पहली- वायरस के इवोल्व होने के साथ तेजी से संक्रमण फैलना। दूसरी- कोरोना एक मौसमी महामारी बन जाना। तीसरी- कोरोना का एंडेमिक स्टेज में चले जाना (वो स्टेज जिसमें लोग कोरोना के साथ जीना सीख जाएंगे)।