समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के 15 दिन बाद भी किसानों को भुगतान प्राप्त नहीं हो सका है। वे लगातार बैंक के चक्कर काट रहे हैं और हर बार वहां से निराश होकर लौटना पड़ रहा है। भुगतान नहीं होने के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए इस बार क्षेत्र की 19 सोसायटियों के 29 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें इकोदिया स्थित केन्द्र को मंगलवार को कलेक्टर ने बंद कर दिया है। इसके चलते अब 28 केन्द्रों पर गेहूं की खरीदी की जा रही है।
प्रत्येक केन्द्र पर औसतन 10 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी हो चुकी है यानि सैकड़ों किसानों का करीब 1 लाख 80 हजार क्विंटल गेहूं इन केन्द्रों पर खरीदा जा चुका है। स्लॉट बुकिंग की तारीख 30 अप्रैल होने के बाद लगातार किसान पंजीयन भी करवा रहे हैं। इस प्रक्रिया के बीच जो किसान 10 अप्रैल के आसपास अपना गेहूं तुलवा चुके हैं। वे भुगतान प्राप्त करने के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन वहां से हर बार उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
शासन ने अभी तक किसानों के बैंक खातों में राशि नहीं भेजी है। किसानों की भीड़ को संभालने और उन्हें जवाब देने की प्रक्रिया में बैंक के कर्मचारियों का काम भी प्रभावित हो रहा है। किसान हरिनारायण ने बताया कि सरकार ने दावा किया था कि गेहूं तुलवाने के 1 सप्ताह के बाद किसानों को भुगतान प्राप्त हो जाएगा। यह दावा कितना सही था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खरीदी शुरू होने के 15 दिन बाद एक भी किसान को भुगतान की राशि प्राप्त नहीं हो सकी है।
केसीसी भी जमा नहीं हो सका और आर्थिक जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रहीं
समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के बाद भी राशि नहीं मिलने से परेशान किसान भगवानसिंह ने बताया कि सरकार ने केसीसी जमा करने की समयावधि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की थी। इससे उम्मीद बंधी थी कि गेहूं विक्रय की राशि प्राप्त होने के बाद केसीसी जमा कर देंगे। यह तारीख भी निकल गई लेकिन गेहूं विक्रय का भुगतान प्राप्त नहीं हो सका। न जाने कितने किसान ओवरड्यू हो गए हैं और न जाने कितने किसानों ने साहूकारों से कर्ज लेकर केसीसी की राशि जमा की है।
सरकार के केसीसी जमा करने की समय सीमा बढ़ाना चाहिए। किसान उमेश सिंह ने बताया कि शादियों का समय चल रहा है। किसानों को उम्मीद थी कि समय से गेहूं बेचने का भुगतान मिल जाएगा लेकिन 10 दिन बाद भी राशि नहीं मिल सकी है। मजबूरी में उधार सामान लेकर अपनी जरूरत पूरी करना पड़ रही है।
भुगतान समय पर देने बनाई थी नई व्यवस्था
किसानों को उनका भुगतान समय पर प्रदान करने के लिए इस बार भुगतान की प्रक्रिया बैंक खाता नंबर के बजाय आधार नंबर आधारित बनाई थी। जिसमें किसानों को उन्हें बैंक खातों में राशि भेजी जाना हैं। जो आधार नंबर से लिंक है। इस कारण बैंक खाते को आधार से लिंक करवाने के लिए भी किसानों को खासी मशक्कत करना पड़ी थी। अब उससे ज्यादा पसीना उन्हें बैंक के चक्कर काटने में बहाना पड़ रहा है।
आज शाम तक भुगतान शुरू होने की संभावना
समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी के बाद किसानों को राशि का भुगतान आधार नंबर से लिंक बैंक खातों में किया जाना है। नया साफ्टवेयर होने के कारण तकनीकी दिक्कत आ रही है। गुरुवार शाम तक भुगतान प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
-रश्मि साहू, जिला आपूर्ति अधिकारी विदिशा।