‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का संदेश देने वाले संत श्री गुरु रविदास की जयंती पर सीएम योगी वाराणसी पहुंचे। वहां उन्होंने सीरगोवर्धनपुर स्थित मंदिर में मत्था टेका और लंगर भी छका। योगी ने साधु संतों से बात की। इससे पहले सुबह पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी संत की जन्मस्थली पर हाजिरी लगाई। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका भी वाराणसी पहुंच चुके हैं। थोड़ी देर में वे भी जन्मस्थली पर हाजिरी लगाएंगे।
सीएम योगी ने संत की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद शीश नवाया। अमृतवाणी पाठ के सामने शीश झुकाकर आशीर्वाद मांगा। सीएम योगी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि पूज्य संत रविदास जी की जन्मस्थली सीरगोवर्धन यूपी की सांस्कृतिक नगरी काशी में है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में सीरगोवर्धन के सुंदरीकरण और पर्यटन विकास के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। संत शिरोमणि रविदास जी की स्मृति में पार्क निर्माणाधीन है।
इससे पहले सीएम योगी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और अपने आने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में भाजपा की डबल इंजन की सरकार उनकी पावन जन्मस्थली के समग्र विकास हेतु पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है”।
पंजाब के सीएम ने भी नवाया शीश
बुधवार को अलसुबह संत शिरोमणि के दर पर सबसे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पहुंचे। उन्होंने संत रविदास महाराज के मंदिर में मत्था टेका। इसके बाद संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेकर उन्होंने सदगुरु महाराज के अनुयायियों से अमृतवाणी सुनी। इससे पहले उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। दोपहर में राहुल-प्रियंका गांधी भी पहुंच रहे हैं। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित कई अन्य राजनीतिक हस्तियां भी आज सीरगोवर्धनपुर पहुंचेंगी।
1540 में शरीर का किया था त्याग
मन चंगा तो कठौती में गंगा जैसा सहज ज्ञान देने वाले संत रविदास का जन्म संवत 1443 में माघ पूर्णिमा के दिन वाराणसी में हुआ था। बताया जाता है कि जूते बनाने का काम करने वाले संत रविदास ने साधु-संतों की संगत में आध्यात्मिक ज्ञान पाकर कर्म को ही जीवन का मूल मर्म माना था।
संत रविदास ने इस नश्वर शरीर का त्याग 1540 में किया था। आत्मज्ञान, एकता, भाईचारे पर आधारित और जाति प्रथा जैसी कुरीतियों पर प्रहार करते उनके दोहे उनके अनुयायियों के लिए अमृत वचन बन गए। धीरे-धीरे उनके अनुयायी खुद को रविदासिया समुदाय का कहने लगे।
वाराणसी के संत रैदास जन्मस्थली से पंजाब का सीधा नाता है। ऐसे में यूपी हो या पंजाब इन दोनों ही राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दिग्गजों का यहां आना लगा रहता है। वजह भी साफ है, संत रैदास के बड़ी तादाद वाले अनुयायियों को अपने पाले में करना।
दो बार आ चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी
सीरगोवर्धनुपर स्थित रविदास मंदिर में नेताओं की आवाजाही की शुरुआत बसपा सुप्रीमो मायावती से शुरू हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. केआर नारायणन और ज्ञानी जैल सिंह के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई अन्य नेता समय-समय पर आते रहे हैं।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभाली तो वह इस मंदिर में 2 बार आए। इसके बाद इस मंदिर का महत्व सियासत के नामचीन चेहरों के लिए भी बढ़ गया। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर पहुंचीं थीं और संत शिरोमणि के चरणों में मत्था टेकने के साथ ही लंगर भी चखा था। साथ ही रैदास समर्थकों को संबोधित भी किया था।