भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन की मदद से फेंकी गई विस्फोटक सामग्री की जानकारी स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) को पहले से ही थी। प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का सदस्य गुरमुख सिंह रोडे पाकिस्तान में बैठकर चुनाव के दौरान पंजाब को दहलाने की कोशिश में जुटा हुआ है। बुधवार को मिली खेप के तार पिछले माह 14 जनवरी को अटारी बॉर्डर पर मिली खेप के साथ जुड़ रहे हैं।
STF ने 14 जनवरी को अटारी बॉर्डर से 5 किलोग्राम का बम बरामद किया था। इसमें 2.50 किलोग्राम RDX था। इस बम का मकसद पंजाब को चुनाव को दहलाना और दहशत का माहौल बनाना था। STF ने छानबीन शुरू की और दो आतंकियों गुरप्रीत सिंह और सुरमुख सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ की तो दोनों ने 8 से 11 फरवरी के बीच पाकिस्तान से अन्य खेप आने की बात की थी। बुधवार पंजगराइयां पहुुंची खेप यही थी।
तस्करों को स्लीपर सेल तक पहुंचानी थी खेप
BSF ने बुधवार को बरामद किए गए दोनों बम और हथियार STF ने कब्जे में ले लिए हैं। लेकिन STF की जांच अभी इससे आगे नहीं बढ़ पा रही है। दोनों आतंकियों को नहीं पता कि यह खेप किसने उठानी थी और आगे किसे देनी थी। मिली जानकारी के अनुसार, इस खेप को किसी तस्कर ने खेत से उठाना था और एक गुप्त जगह पर छिपा देना था। जिसे अन्य स्लीपर सेल ने उठाकर पंजाब को दहलाने का प्रयास करना था।
गुरमुख रोडे खुद संभालता है कमान
मिली गुप्त जानकारी के अनुसार, खेप भिजवाने से लेकर स्लीपर सेल को आदेश देने तक पूरी जानकारी को गुप्त रखा जाता है और इसकी कमान गुरमुख रोडे खुद संभालता है। गुरमुख रोडे के अलावा किसी को भी नहीं पता कि यह खेप किसने उठानी थी, कहां रखनी थी, किस स्लीपर सेल को गुरमुख ने चुनना था और इसे कहां प्रयोग किया जाना था। लेकिन STF लगातार पाकिस्तान या विदेश से आने वाली फोन डिटेल्स पर नजर गड़ाए हुए है, ताकि उन्हें कोई जानकारी प्राप्त हो सके।