Tuesday, September 23

30 करोड़ का घोटाला:5976 फर्जी शादियां करवाने वाले जनपद सीईओ और उनके साथी ऐसे जुटाते थे दस्तावेज

दलालों के निशाने पर रहते थे अनपढ़, गरीब और मजदूरों के ऐसे परिवार, जिनके 5 से 7 बच्चे हो, ताकि कोई शिकायत न कर पाए

जनपद पंचायत सिरोंज इन दिनों चर्चा में है। कारण, निलंबित सीईओ शोभित त्रिपाठी,आपरेटर हेमंत साहू और योगेन्द्र शर्मा द्वारा 5976 से ज्यादा शादियां कागजों में करके 30 करोड़, 40 लाख 22 हजार रुपए हड़पने पर। इसके लिए पूरे जनपद क्षेत्र में दलालों का जाल बिछा था। वे इन्हीं दलालों के साथ मिलकर अनपढ़, गरीब, मजदूर तबके के ऐसे लोगों को निशाना बनाते थे जिनके 5 से 7 बच्चे थे।

इनमें बेटियों की संख्या 2 से 5 तक होती थी दस्तावेज लेने के बाद राशि न मिलने पर वे शिकायत न कर सकें। जिन बेटियों की शादी के नाम पर 51-51 हजार की राशि निकाली गई, उनमें पहले से शादीशुदा और नाबालिग बेटियां भी शामिल हैं। भास्कर की दूसरी पड़ताल में ये सच भी सामने आया कि इतने बड़े घोटाले की शिकायत इतने देर बाद क्यों हुई। तो पता कि अनपढ़ होने के कारण ऐसे परिजनों ने पुलिस थाने में जाकर कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई। हालांकि सिरोंज विधायक उमाकांत शर्मा के मामला उठाने के बाद भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं।

3 उदाहरण: ईओडब्ल्यू ने राशि हड़पने की जानकारी दी फिर भी शिकायत नहीं की

2 की जगह 4 की शादियां करा दीं, केवल 15 हजार ही दिए
गुलाबगंज गांव के बाहर टपरे में रहने वाले अनपढ़ गनपत आदिवासी के 2 बेटे और 5 बेटियों का परिवार है। 2 बेटियों की शादी हो चुकी है। लेकिन 4 बेटियों की शादी के नाम पर 2 लाख 4 हजार रुपए निकाले। लेकिन पहले से शादीशुदा केवल एक बेटी मनी आदिवासी की शादी के नाम पर सिर्फ 15 हजार रुपए दे दिए गए। गनपत आदिवासी ने भी अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत थाने में नहीं की।

2 बेटियों के नाम से 1 लाख निकाले, लेकिन ढेला नहीं दिया
भटोली के टपरों में राज-मिस्त्री कारेलाल आदिवासी, अनपढ़ । 2 बेटों और 2 बेटियों के साथ टपरे में निवास। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। जनपद के अधिकारियों ने दलालों के साथ मिलकर दोनों शादीशुदा बेटियों की शादी के नाम पर 1 लाख 2 हजार रुपए निकाल लिए। 21 जनवरी को ईओडब्ल्यू की टीम ने उसके घर पहुंचकर धोखाधड़ी की शिकायत करने के लिए एक आवेदन पत्र लिखकर भी दिया था लेकिन उसने थाने में जाकर शिकायत नहीं की है।

5 बेटियां और 2 बेटे, शादीशुदा बेटी के नाम पर राशि निकाली
मुंशीलाल जाटव, मूल स्थान पथरिया। लेकिन कई सालों से गुलाबगंज गांव में ईंट-भट्टे में काम करता है। 2 बेटों और 5 बेटियों का परिवार है। एक शादीशुदा बेटी की शादी के नाम पर 51 हजार रुपए निकाले । ईओडब्ल्यू अब स्वयं घोटाले का भंडाफोड़ करने में जुटी है।

जनपद पंचायत के अब बदले मिजाज जो अटैच थे वे, अब जनपद में ड्यूटी दे रहे हैं
दिन: सोमवार, जगह: जनपद पंचायत। अब हालात बदल गए हैं। जो कर्मचारी अटैच हैं। उनसे जनपद कार्यालय में ही नियमित काम लिया जा रहा है। पंचायत सचिव रूपनारायण शर्मा और मुमताज खान नियमित जनपद में ड्यूटी दे रहे हैं। ग्राम रोजगार सहायक छतरसिंह से भी सीएम हेल्पलाइन का काम लिया जा रहा है। जनपद में चैट 2 महिला रोजगार सहायकों का जनवरी का वेतन भी इस महीने काटा गया । वेतन कटा तो इनमें एक रोजगार सहायक अब नियमित जनपद कार्यालय में आने भी लगी हैं। सीईओ शोभित त्रिपाठी के निलंबन के बाद वंदना शर्मा को सिरोंज जनपद की जिम्मेदारी मिली है। ।

जो काम नहीं करेगा उसका वेतन काटा जाएगा

  • समय पर काम करना हर कर्मचारी की जिम्मेदारी है। हम जनपद कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीन भी लगवा रहे हैं। अभी भी जनपद में अटैच 3 पंचायत सचिव नियमित नहीं आ रहे हैं। जो काम नहीं करेगा उसका वेतन तो कटना तय है। – वंदना शर्मा, सीईओ जनपद पंचायत सिरोंज

अब आवेदन आवक-जावक शाखा से होकर पहुंच रहे
निलंबित सीईओ के कार्यकाल में विभिन्न शाखाओं की जिम्मेदारी भी तय नहीं थी। अभी अधिकांश काम ऑपरेटर खुद अपने ही स्तर पर कर रहे थे और इसी लापरवाही के चलते इतना बड़ा घोटाला हो गया। अब व्यवस्था में परिवर्तन हुआ है। जो भी आवेदन आता है। वह सबसे पहले आवक-जावक शाखा में पहुंचता है। इसके बाद विभिन्न शाखाओं में होकर सीईओ तक पहुंचता है। यानी आवेदन कैसे सीईओ के पास पहुंचा। यह अब स्पष्ट हो रहा है।