Tuesday, September 23

अरुणाचल के मासूम पर चीन की बर्बरता:चीनी सेना के चंगुल से छूटे युवक ने कहा- जवानों ने बिजली के झटके दिए, मुझे लगा जान से मार देंगे

अरुणाचल प्रदेश के युवक को 18 जनवरी को चीनी सेना ने बॉर्डर से अगवा कर लिया था। उसे भारत को सौंपने से पहले 8 दिन तक टॉर्चर किया गया। करीब 200 घंटे तक चीनी सेना के हिरासत में रहे युवक मिराम तारोन ने इस मामले में आप-बीती सुनाई है।

NDTV को दिए हालिया इंटरव्यू में 17 साल के मिराम ने कहा- मुझे नहीं पता था कि वे मुझे भारतीय इलाके में ले जा रहे थे या कहीं और। मुझे लगा कि वे मुझे अपने शहर ले जाएंगे और मुझे मार डालेंगे। चीनी सैनिकों आंख पर पट्टी बांधकर मुझे एक कैंप में ले गए। मैं डर गया था, लेकिन डर के मारे रो भी नहीं पा रहा था और कांप रहा था।

हर वक्त आंखों पर पट्टी बंधी रहती थी

मिराम ने कहा कि उन्होंने मुझसे कुछ बातें की लेकिन मैं उनकी भाषा नहीं समझ पा रहा था, इसलिए मैं वहीं बैठ गया। जिसके बाद उन्होंने मुझे लात मारना शुरु कर दिया। फिर दो बार बिजली के झटके भी दिए। कुछ दिन पहले मिराम ने अपने पिता को बताया कि हाथ-पैर और आंखों की पट्‌टी सिर्फ उस वक्त हटाई जाती थी, जब खाने का वक्त हो या टॉयलेट जाना हो।

दोस्त के साथ बॉर्डर पर शिकार करने गया था युवक

जिंदों गांव का रहने वाला मिराम अपने दोस्त जॉनी के साथ 18 जनवरी को LAC बॉर्डर के पास शिकार करने गया था। यहां उन दोनों को चीनी सेना ने घेर लिया। मिराम के दोस्त जॉनी के पास बंदूक थी। जॉनी ने सैनिकों पर बंदूक तान दी और घेरे से भाग निकला लेकिन मिराम को सैनिकों ने पकड़ लिया।

मिराम के दोस्त ने गांव पहुंचकर उसके पिता और भारतीय सेना को इसकी सूचना दी। हालांकि, लेकिन चीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। बाद में 20 जनवरी को चीनी सेना ने अज्ञात नाबालिग के मिलने की बात मानी थी और उनके भारतीय होने की पुष्टि भी की। भारत लौटने के बाद मिराम को एक वाहन से किबिथू ले जाया गया, जहां तीन दिन के लिए क्वारैंटाइन कर दिया गया।