Monday, September 29

रावण वध की लीला का मंचन आज:21 फीट का बना रावण का पुतला, राघौगढ़ के नूर मोहम्मद एक घंटे तक करेंगे आतिशबाजी का प्रदर्शन

रामलीला में 29 जनवरी सेना युद्ध, माया दर्शन और रावण वध की लीला का मंचन किया जाएगा। इसमें रावण वध की लीला वाले दिन इस बार 3 अहम पात्र आएंगे नजर नहीं आएंगे। उनकी जगह दूसरे सदस्य रामलीला में भूमिका निभाएंगे। रामलीला में रावण बनने वाले जगदीश शर्मा को दिल की बीमारी ने रोक दिया है। इस कारण रावण की भूमिका नहीं निभा सकेंगे।

इसके अलावा स्वर्ण राक्षस बनने वाले नारायण प्रसाद के पैर का ऑपरेशन हुआ है तो वहीं हर साल महाकाली का रोल करने वाले राहुल पुरोहित को कोरोना संक्रमण ने निगल लिया है। 30 साल से रावण वध की लीला के अहम पात्र हर बार रावण बनने वाले जगदीश नारायण शर्मा का पिछले पखवाड़े में दिल का ऑपरेशन हुआ है, ऐसे में वे डॉक्टर की सलाह पर आराम में हैं। उनके स्थान पर इस बार युवा जोश से भरपूर शुभम शर्मा रावण की भूमिका निभाएंगे।

मंचन के दौरान भीड़ बढ़ी तो ऐन वक्त पर ट्रैफिक प्लान होगा चेंज
रामलीला में शनिवार को रावण वध की लीला का मंचन आतिशबाजी के साथ होगा। राघौगढ़ के कलाकार नूर मोहम्मद यहां करीब एक घंटे तक रंगीन आतिशबाजी का प्रदर्शन करेंगे। रावण का 21 फीट ऊंचा पुतला बनवाया गया है। रावण की नाभि और मुख से ज्वाला निकलती दिखाई देगी। रामलीला में इस बार दर्शकों को एंट्री नहीं मिलने के कारण भीड़ ज्यादा नहीं होगी। शहर के ट्रैफिक इंचार्ज आशीष राय का कहना है कि शनिवार को रामलीला मंचन के दौरान ट्रैफिक डायवर्ट नहीं किया जाएगा। यदि भीड़ पहुंचती है तो ऐन वक्त पर ट्रैफिक प्लान में परिवर्तन किया जा सकता है।

राजदीप शर्मा रणचंडी का अभिनय करेंगे
रावण वध की लीला में हर साल खड्ग- खप्पर रखकर रक्त पान करती रणचंडी महाकाली के विकराल स्वरूप में नजर आने वाले राहुल पुरोहित को कोरोना संक्रमण ने 7 महीने पहले निगल लिया। ऐसे में उनके स्थान पर रणचंडी का अभिनय राजदीप शर्मा करेंगे। मेघनाद, कुंभकर्ण के मरने के बाद रावण वध की लीला के दिन रावण दल के अहम राक्षस के रूप में अभिनय करने वाले नारायण प्रसाद शर्मा का पांच महीने पहले एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनके पैर में रॉड डाली गई है।

रामलीला… दधिपल ने किया नारांतक का वध
रामलीला में शुक्रवार को रावण पुत्र नारांतक का वध सुग्रीव के पुत्र दधिपल द्वारा किया गया। अंबेश श्रीधर ने नारांतक की भूमिका निभाई। उसके भाई दुर्गेश श्रीधर ने दधिपल का किरदार निभाया। 77 साल के पं.सुरेश शर्मा शास्त्री ने दैत्य गुरु शुक्राचार्य की भूमिका अदा की।