Thursday, September 25

नसियाजी पर भरतपुर के पत्थरों से बनेगा त्रिकाल चौबीसी मंदिर:24 जिनालयों में विराजित होंगी जैन तीर्थंकरों की भूत, वर्तमान और भविष्य की प्रतिमाएं, मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं

जिनोदय तीर्थ नसिया जी में बनने वाले जिले के पहले त्रिकाल चौबीसी मंदिर की नींव सोमवार को सिरोंज में मुनि सुधा सागर महाराज के सान्निध्य में रखी गई। मंदिर में 24 जिनालय बनाए जाएंगे और इनमें सभी 24 जैन तीर्थंकर भगवानों की भूत, वर्तमान और भविष्य के आधार पर प्रतिमाएं विराजमान की जाएंगी। प्रत्येक जिनालय की लंबाई 35 फीट, चौड़ाई 15 फीट और ऊंचाई 45 फीट रहेगी।

मंदिर निर्माण में सिर्फ राजस्थान के भरतपुर के पत्थरों का उपयोग होगा और कहीं भी लोहा नहीं लगाया जाएगा। सोमवार को मुनि सुधा सागर महाराज के सान्निध्य में प्रत्येक जिनालय की शिला रखने के लिए जैन श्रद्धालु उत्साहित दिखाई दिए। जिनोदय तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य जितेन्द्र जैन ने बताया कि 5 साल में मंदिर निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य हमने तय किया गया है।

समवशरण मंदिर, गोशाला और स्कूल का शिलापूजन
सोमवार को ही यहां पर समवशण मंदिर का शिलान्यास भी हुआ। यह मंदिर त्रिकाल चौबीसी और त्रिमूर्ति मंदिर के मध्य बनाया जाएगा। तीर्थ क्षेत्र में संचालित गोशाला के साथ ही स्कूल का भूमि पूजन भी इस दौरान हुआ। स्कूल का नाम मुनि सुधा सागर इंटरनेशनल स्कूल होगा।

मुनि सुधा सागर के सान्निध्य में हुआ कायाकल्प
आरोन रोड पर स्थित जैन तीर्थ के कायाकल्प की शुरुआत मुनि सुधा सागर महाराज के सान्निध्य में 1989 में हुई थी। गजरथ महोत्सव के साथ ही यहां पर 15 फीट ऊंची भगवान बाहुबली की प्रतिमा स्थापना की गई। इसके बाद मुनि सुधा सागर 2013 में सिरोंज आए तो उन्होंने यहां पर नंदीश्वर धाम और त्रिमूर्ति मंदिर की नींव रखी। जिनका निर्माण अभी चल रहा है। इस बार वे 9 जनवरी को सिरोंज आए तो त्रिकाल चौबीसी एवं समवशरण मंदिर के साथ स्कूल और गोशाला की नींव रखवा दी।