विदिशा के सिरोंज में त्रिमूर्ति मंदिर में भगवान बाहुबली की 3 टन वजनी और 13.5 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना की गई। जैन मुनि सुधा सागर महाराज के सानिध्य में प्रतिमा को विराजित किया गया। मंदिर के सदस्यों ने बताया कि मूर्ति में लगे सफेद पत्थर वियतनाम से आए थे। इसका निर्माण जयपुर में हुआ है।
आदिनाथ की प्रतिमा पद्मासन है
बुधवार देर शाम को जैन मुनि और हजारों श्रद्धालुओं के समक्ष प्रतिमा को निर्माणाधीन मंदिर में स्थापित किया। त्रिमूर्ति मंदिर में 4 महीने पहले स्थापित हो चुकी 15 फीट ऊंची भगवान आदिनाथ की प्रतिमा राजस्थान के लाल पत्थर से निर्मित है। उनकी प्रतिमा के पास उनके बेटे भगवान भरत की 13.5 फीट ऊंची प्रतिमा को वियतनाम के सफेद पत्थर से बनाया है। आदिनाथ की प्रतिमा पद्मासन और भरत जी एवं बाहुबली की प्रतिमा खड्गासन में है।
108 फीट ऊंचे त्रिमूर्ति मंदिर का निर्माण भरतपुर के पत्थरों से हो है। गुजरात के इंजीनियर और राजस्थान के कारीगर मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। जो दो साल में पूरा कर होगा।
दोपहर 1 बजे महा मस्तकाभिषेक होगा
सिरोंज में मुनि सुधासागर महाराज के सानिध्य में मकर संक्रांति के उपलक्ष में महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को मुनि सुधासागर अतिशय कारी भगवान संभव नाथ जी का महा मस्तकाभिषेक 1008 कलश से दोपहर 1:00 बजे करेंगे।
महाराज के मार्गदर्शन में मंदिर का निर्माण
जिनोदय तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जितेन्द्र जैन ने बताया कि 8 साल पहले मुनि सुधा सागर सिरोंज आए थे। महाराज के मार्गदर्शन में ही जैन तीर्थ पर त्रिमूर्ति मंदिर और नंदीश्वर धाम के निर्माण की योजना बनाई गई थी।