Saturday, September 27

रात का 1.9 डिग्री पारा:कुरवाई में अधिकतम पारा 17 डिग्री पर सबसे कम, लटेरी: रात का पारा 6 डिग्री सबसे ज्यादा

 

असर: बुजुर्गों पर: ब्लड प्रेशर, गठियावात, सांस और अस्थमा के मरीज रहें संभलकर, हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा, बच्चों पर: कान बांधकर रखें

लगातार दूसरे दिन सोमवार को विदिशा का न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री और अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सभी तहसीलों में विदिशा सबसे ठंडा रहा। लटेरी में सबसे ज्यादा 6 डिग्री तापमान रहा। ठंड से बचने के लिए लोग सुबह-शाम अपने घरों में ही दुबके रहे। इससे पहले रविवार की रात सबसे ज्यादा ठंडी थी। रविवार का न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री था। लगातार दूसरे दिन सोमवार को तापमान में गिरावट होने से ओस की बूंदें सब्जियों और पत्तों पर जमी हुई दिखाई दीं। सुबह शहर के माधव उद्यान के आसपास घास और फूलों की पत्तियों पर ओस की बूंदें जम गई थीं।

इसी प्रकार बेतवा किनारे रामघाट, महल घाट के आसपास गोभी के पत्तों में ओस जम गई थी। इससे पहले साल 2006 में दिसंबर में न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री रहा था। 15 साल बाद फिर से इतनी जोरदार ठंड की वापसी हुई है। मौसम का असर सबसे ज्यादा छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है।

अस्थमा वाले दवाई रेगुलर लेते रहें
मौसम का असर सबसे ज्यादा छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। डा.प्रशांत बागरेचा के अनुसार तापमान में गिरावट से हार्ट, ब्लड प्रेशर, गठियावात के पेशेंट, श्वास और अस्थमा के मरीजों पर ज्यादा असर होता है। चक्कर भी आते हैं। तेज ठंड में हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा होती है। इसलिए ऐसे मरीज को अलसुबह बाहर निकलकर ठंड में वाक नहीं करनी चाहिए। अस्थमा वाले अपनी दवाई रेगुलर लेते रहें। छोटे बच्चों को ढंककर रखें। कान बांधकर रखें।

आगे.. लगातार 7 दिन पारा 6 से नीचे तो पड़ता है पाला
मौसम विशेषज्ञ डा.एसएस तोमर के अनुसार यदि न्यूनतम तापमान लगातार 7 दिन तक 6 डिग्री से नीचे रहता है तो पाला यानी तुषार पड़ने की स्थिति बनती है। तुषार से सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर, हरी धनिया, मटर, चना, मसूर, तिवड़ा, पपीता, नीबू प्रजाति की फसलों पर तेजी से पड़ रहा है। पिछले 2 दिन से तापमान 6 डिग्री से नीचे चल रहा है। यदि आगामी 5 दिनों तक तापमान में गिरावट रही तो फलों और सब्जियों की फसलों में नुकसान हो सकता है।