Monday, September 29

आवक अधिक आने से बढ़ा इंतजार:व्यापारियों ने एक दिन पहले चक्काजाम के बाद कहा था-पूरी उपज खरीदेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ

मिर्जापुर कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को सैकड़ों किसानों की उपज बिकने से बची रह गई। इनमें कई किसान ऐसे हैं, जो कि पिछले 4 से 5 दिन पहले से अपनी उपज लेकर मंडी में पड़े हुए हैं। कड़ाके की सर्दी में इतने दिनों तक मंडी में डेरा डालने के बावजूद भी शुक्रवार को उपज नीलाम नहीं हो पाने से ये किसान मायूस हो गए। अब ये किसान दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को मंडी खुलने पर ही अपनी उपज बेच पाएंगे।

एक दिन पहले गुरुवार को धान के दाम गिरने से किसानों ने चक्काजाम किया था। इससे आधे दिन का नीलामी कार्य बंद रहा था। इसलिए शुक्रवार को दोनों दिन की आवक से उपज की मात्रा ज्यादा हो जाने से करीब 200 ट्राली धान की नीलामी नहीं हो सकी। शुक्रवार को मंडी में कुल 18501 क्विंटल उपज की नीलामी हुई। इसमें 16116 क्विंटल धान की उपज शामिल है। लगातार दूसरे दिन भी मंडी में धान के दाम कम रहे।

दरअसल, गुरुवार को व्यापारियों ने किसानों को आश्वासन दिया था कि हम शुक्रवार को पूरी उपज की खरीदी कर लेंगे। लेकिन आवक ज्यादा आने से ऐसा हो नहीं सका। महज दो दिन के भीतर धान के दाम 210 रुपए प्रति क्विंटल तक कम हो गए हैं। इससे किसानों में आक्रोश है। गुरुवार को मंडी में धान के कम दामों के विरोध में किसानों ने विदिशा-सागर हाइवे नेशनल हाइवे पर चक्काजाम किया था।

एक दिसंबर बुधवार को धान का अधिकतम मूल्य 3300 रुपए प्रति क्विंटल था, जो कि गुरुवार को 2 दिसंबर को 3167 रुपए था। जबकि शुक्रवार को धान का अधिकतम भाव गिरकर 3090 रुपए प्रति क्विंटल रह गया था। आने वाले दिनों में धान के दामों की यही स्थिति रहने की बात व्यापारी कह रहे हैं।

शनि अमावस्या आज और कल रविवार अवकाश
शुक्रवार को मंडी में करीब बड़ी मात्रा में धान की नीलामी से बची रह गई हैं। शनिवार को अमावस्या और रविवार को अवकाश की वजह से मंडी में नीलामी कार्य नहीं होगा। दो दिन मंडी बंद रहने के बावजूद भी शुक्रवार की शाम को मंडी में उपज लेकर कई किसान ट्रैक्टर-ट्राली के साथ पहुंच गए थे। सोमवार को मंडी खुलने पर पहले नीलामी कराने की उम्मीद से ये किसान अपनी उपज लेकर दो दिन पहले ही मंडी में पहुंच गए थे।

रिकॉर्ड… दिसंबर की शुरुआत में ही पिछले साल से ज्यादा धान की खरीदी हो चुकी
इस साल धान का रकबा और उत्पादन ज्यादा होने से मंडी में धान की आवक बहुत ज्यादा बनी हुई है। स्थिति यह है कि दिसंबर के शुरुआत में ही धान की 4 लाख 21 हजार 217 क्विंटल की खरीदी ने पिछले साल भर की 4 लाख 16 हजार 459 क्विंटल की कुल खरीदी के आंकड़े को भी पीछे छोड़ दिया है।
जबकि अभी जनवरी माह तक धान की आवक होने की बात कही जा रही है। इसमें दिसंबर में अच्छी मात्रा में धान की आवक रहेगी। मौजूदा आवक को देखते हुए पिछले साल की तुलना में इस साल डेढ़ से दो गुना ज्यादा खरीदी होने की संभावना जताई जा रही है।

मंडी में किसानों का डेरा क्योंकि धान के भाव गिर रहे : बुधवार को 3300 रु. प्रति क्विंटल, गुरुवार को 3167 रु, शुक्रवार को 3090 रु. रहा

आपबीती… प्रबंधन को समय बढ़ाना चाहिए

चार दिन बाद भी नहीं आया अब तक नंबर
चार दिन बाद भी उपज नहीं बिकी है। पहले से मंडी में आए किसानों की उपज की नीलामी कराने के लिए मंडी प्रबंधन को समय बढ़ाना चाहिए था। समय भी खराब हुआ, आर्थिक नुकसान भी। -खेत सिंह मीणा, कृषक सुनपुरा

दो दिन और कृषि मंडी में रहना पड़ेगा
चार दिन से मंडी में उपज बेचने के लिए रहे। लेकिन शुक्रवार को उपज नहीं बिक सकी। मजबूरी में दो दिन और मंडी में उपज के साथ रहना पड़ेगा। ठंड के मौसम में कैसे दिन और रात गुजारने में काफी तकलीफ हो रही है। -सोनू ठाकुर, ग्राम मड़वाई

2 दिन बंद रहेगी कृषि मंडी
शनिवार को अमावस्या एवं रविवार को अवकाश होने से मंडी में नीलामी कार्य नहीं होगा। सोमवार को मंडी खुलेगी। शुक्रवार को जो उपज की नीलामी नहीं हो पाई है उसमें कई किसानों ने अपनी उपज कैंसिल करा ली है। -राधेश्याम महेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन संघ ​​​​​​