
शासकीय अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज की टीम ने शुक्रवार को पहली बार हाइली एडवांस तकनीक के जरिए लेप्रोस्कोपी यानी दूरबीन पद्धति से 2 महिलाओं के पित्ताशय का सफल आपरेशन किया। इसमें 10 से ज्यादा डाक्टरों और टेक्नीशियनों की टीम लगी थी। करीब 1.15 घंटे में यह पित्ताशय की पथरी को बाहर निकाला गया। यदि समय पर यह आपरेशन नहीं होता है तो पित्ताशय फटने से मरीज की मौत भी हो सकती है।
जिन महिलाओं का आपरेशन किया गया है उनमें भोपाल की 55 साल की एक महिला और गंजबासौदा की 42 साल की दूसरी महिला शामिल है। मेडिकल कालेज के सुपरिंटेंडेंट और सर्जरी विभाग के एचओडी डा.धरमदास परमहंस, डा.ईशांत चौरसिया, डा.अयांश शर्मा, डा.विनायक गौर, डा.सेवरस हिंगवे, डा.अंकित श्रीवास्तव, डा.गोविंद कुशवाह और टेक्नीशियन ज्योति के सहयोग से यह आपरेशन किया।
पेट में कैमरे से जांच कर किया ऑपरेशन
डा.धरमदास परमहंस ने बताया कि लेप्रोस्कोपी सर्जरी के जरिए पित्ताशय की पथरी बाहर निकाली जाती है। पहले इसके लिए पुरानी पद्धति से लंबी सर्जरी होती थी। लेकिन अब हाइली एडवांस सर्जरी से छोटा कट लगाया जाता है। उसी के जरिए मशीन और कैमरा मरीज के पेट में डालकर उसे फुलाया जाता है। इसमें मरीज को ज्यादा तकलीफ भी नहीं होती है और समय भी पहले की तुलना में कम लगता है।
पित्ताशय की पथरी शरीर के अन्य अंगों को भी खराब कर देती है। इससे मरीज की मौत तक हो जाती है। मध्यप्रदेश के किसी भी जिला अस्पताल में अभी यह सुविधा नहीं है। विदिशा मेडिकल कालेज में पहली बाद इस तरह का एडवांस और महत्वपूर्ण आपरेशन किया गया है।