
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार सातवें दिन ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में बनी हुई है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) की रिपोर्ट के मुताबिक, आज सुबह 8 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 355 पर था। सफर का कहना है कि कल, यानी रविवार से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार आने का अनुमान है।
वहीं, दिल्ली से सटे फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। इन इलाकों में AQI 350 के आसपास बना हुआ है। मालूम हो कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा माना जाता है। 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मध्यम, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 तक का AQI गंभीर की श्रेणी में आता है।
दिल्ली में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों की एंट्री पर रोक
प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने 10 दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत, शहर में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। साथ ही अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद किए जा चुके हैं। केजरीवाल सरकार ने 21 नवंबर तक शहर में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कर्मचारियों को रविवार तक घर से काम करने का भी आदेश दिया गया है।
‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ मुहिम के दूसरे चरण की शुरुआत
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार से ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ मुहिम के दूसरे चरण की शुरुआत भी कर दी गई है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ITO चौक पर पहुंचकर ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े एक बाइक चालक को फूल दिया और उनसे यह गुजारिश की कि जब भी वे रेड लाइट पर गाड़ी खड़ी करें तो इंजन जरूर ऑफ कर दें।
गोपाल राय ने कहा कि सर्वे में यह पाया गया है कि दिल्ली में जो वायु प्रदूषण है उसमें सिर्फ 30% हिस्सा दिल्ली का है, जबकि बाकी का 70% प्रदूषण NCR और दूसरे राज्यों से आता है। उन्होंने कहा कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण की भी इसमें बड़ी भूमिका है। यही वजह है कि हमने इस मुहिम को 15 दिनों के लिए आगे बढ़ाया है। इसका काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिल रहा है।
‘पराली जलाने पर विवाद करना बंद करें’
बीते बुधवार को प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकारों से कहा कि वे किसानों के पराली जलाने पर विवाद करना बंद करें। मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि सरकार अगर पराली जलाने को लेकर किसानों से बात करना चाहती है तो बेशक करे, लेकिन हम किसानों पर कोई जुर्माना नहीं लगाना चाहते।
रमना ने कहा, “दिल्ली के 5-7 स्टार होटलों में बैठकर किसानों पर टिप्पणी करना बहुत आसान है, लेकिन कोई यह नहीं समझना चाहता कि किसानों को पराली क्यों जलानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्रोत से ज्यादा प्रदूषण टीवी चैनलों पर होने वाली बहस-बाजी से फैलता है। वहां हर किसी का कोई न कोई एजेंडा है। हम यहां उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।”