
भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर 611 दिनों के बाद बुधवार को फिर खुल गया। पहले दिन 100 अफसर और 49 श्रद्धालु करतारपुर साहिब जा रहे हैं। कॉरि़डोर से जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं का पाकिस्तानी अधिकारियों और पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्वागत किया। उन्होंने पहुंचे श्रद्धालुओं को दोबारा कॉरिडोर खुलने पर बधाई दी और फूल बरसाकर अभिनंदन किया। साथ ही फूलों के हार पहनाकर स्वागत किया।
वहीं कुछ लोगों को RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट न होने के कारण रोक दिया गया। दिल्ली से करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए अनुमति लेकर पहुंचे हरपाल सिंह और रविंद्रजीत सिंह ने बताया कि वह कुल 5 लोग थे, इनमे से 3 दर्शन करने चले गए हैं। उन्हें तकनीकी दिक्कत होने से रिपोर्ट न मिलने के कारण वापस भेज दिया। रविंद्रजीत ने बताया कि उन्होंने टेस्ट करवाया था, लेकिन रिपोर्ट किसी तकनीकी खराबी के कारण अभी नहीं आई है। यदि अभी रिपोर्ट आ गई तो दोपहर बाद दर्शन करने जाएंगे। नहीं तो गुरुवार को जाकर गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करेंगे।
बुधवार को जाने वाले कुल 100 अफसरों में केंद्र और पंजाब के 50-50 अफसर शामिल हैं। अफसरों की टीम को विशेष अनुमति के बाद बॉर्डर क्रॉस कराया जाएगा और यह टीम शाम तक लौट आएगी। वहीं जिला प्रशासन के माध्यम से आवेदन करने वाले 49 लोग दर्शन करने के लिए कॉरिडोर से गए हैं। इनमें गुरु नानक देव की 17वीं पीढ़ी के बाबा सुखदीप सिंह बेदी भी शामिल हैं।
आज जाने वाले अधिकारियों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगी होने की शर्त रखी गई है। इसके अलावा भी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। आम श्रद्धालुओं को करतारपुर कॉरीडोर से दर्शन के लिए फिलहाल 8 से 10 दिन तक इंतजार करना होगा।
सरल बनाई जाए कॉरिडोर से जाने की प्रक्रिया
पंजाब के CM सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी कैबिनेट के साथ गुरुवार को करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएंगे। वहीं बुधवार को दर्शन करने गए बाबा सुखदीप सिंह बेदी ने कॉरिडोर खोलने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया। उन्होंने साथ ही गृह मंत्रालय से अपील की कि कॉरिडोर से जाने की प्रक्रिया को थोड़ा सरल बनाया जाए। क्योंकि जिन लोगों के पास पासपोर्ट नहीं है वह लोग इस यात्रा के माध्यम से दर्शन करने नहीं जा सकते। इस दौरान गए लोगों ने बताया कि उन्होंने गुरदासपुर जिला प्रशासन के माध्यम से मंगलवार को दर्शन करने के लिए आवेदन किया था। बुधवार सुबह ही उनके मैसेज मिला की वह दर्शन करने के लिए जा सकते हैं।
16 मार्च, 2020 को रजिस्ट्रेशन बंद हुआ
16 मार्च 2020 से करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया था। अब पूरे 1 साल 8 महीनों के बाद भारत के गृह मंत्रालय ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने की अनुमति दी है। एक तरफ गुरुपर्व आने वाला है और भारत सरकार के इस फैसले से सिख संगत में खुशी की लहर है।
साढ़े चार किमी लंबा करतारपुर कॉरिडोर
करतापुर कॉरिडोर करीब साढ़े चार किलोमीटर लंबा है। इस कॉरिडोर के बनने से भारत में डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान में मौजूद गुरुद्वारा दरबार साहिब सीधे जुड़ गए हैं। 9 नवंबर 2019 में इस कॉरिडोर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। खास बात है कि यहां से पाकिस्तान जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है।
कोविड नियमों का पालन जरूरी होगा
उन लोगों को ही पाकिस्तान में जाने की अनुमति मिलेगी, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। श्रद्धालुओं को अपने साथ RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट भी ले जानी होगी, जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी न हो। दरअसल, इन दोनों चीजों के लिए पाकिस्तान ने भारत से अनुरोध किया था। इसके बाद भारत की ओर से करतारपुर कॉरिडोर को खोलने पर सहमति जताई गई।
पाकिस्तान में भी होगी एंटीजन जांच
जानकारी सामने आई है कि एक बार जब श्रद्धालु पाकिस्तान की सीमा में दाखिल होंगे तो उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test ) भी वहां होगा। इसके अलावा कोई दूसरा टेस्ट पाकिस्तान में नहीं होगा। जो भी यात्री करतार साहिब जाएंगे, उन्हें उसी दिन शाम को वापस लौटना होगा।