Monday, November 10

संकट में हिंदू:बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए बड़ा खतरा बने ये 3 कट्टरपंथी संगठन, 9 साल में 3721 हमले हुए

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू लगातार कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर हैं। 9 साल में इन पर 3721 हमले हो चुके हैं। हमलों में प्रमुख रूप से 3 इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों (अंसरुल्लाह बांग्ला टीम, हिफाजत-ए-इस्लाम, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश) का हाथ है। जानिए, ये कब बने, कौन है कर्ताधर्ता और ये कैसे दहशत फैला रहे।

1. अंसरुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी), सरगना -मुहम्मद जसिमुद्दीन रहमानी

स्थापना– रहमानी ढाका की एक मस्जिद में इमाम था। 2008 से 2013 तक यानी करीब 5 साल में उसने ये संगठन खड़ा किया था। अंसरुल्लाह बांग्ला टीम नाम की वेबसाइट के जरिए वह अपने विचारों का प्रचार-प्रसार करता था। इस वेबसाइट का सर्वर पाकिस्तान में है। यह फेसबुक पर भी मौजूद है।

कारस्तानी– यह हिंदुओं के खिलाफ भड़काने का काम करता है। 2013 में बांग्लादेश में सेक्युलर ब्लॉगर्स की नृशंस हत्याओं के बाद पहली बार सामने आया। 2015 में एक बड़ी बैंक डकैती में शामिल होने के बाद बांग्लादेश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया।

2. हिफाजत-ए-इस्लाम,सरगना- महिबुल्लाह बाबूनागरी

स्थापना– 2010 में मदरसा शिक्षकों व छात्रों ने बनाया। फंडिंग पाकिस्तान करता हैै। 2009 में बांग्लादेश सरकार ने महिला विकास नीति का मसौदा तैयार किया था, जिसका कट्टरपंथी गुटों ने विरोध किया और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की। इसी के बाद ये संगठन पूरी दुनिया में चर्चा में आ गया था।

कारनामे– इसी साल मार्च-अप्रैल में एक युवक ने जॉइंट सेकेट्री ममुनुल हक की आलोचना करते हुए वीडियो अपलोड कर दिया था। विरोध में 80 हिंदुओं के घर फूंक दिए गए। इसी संगठन ने पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे पर दंगे भड़काए और हिंसा की।

3. जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी), सरगना- मौलाना सैदुर रहमान

स्थापना– 1998 में गठन हुआ। 2005 में तब सुर्खियों में आया, जब बांग्लादेश के 64 जिलों में करीब 500 सिलसिलेवार धमाके किए। इसके बाद बांग्लादेश सरकार ने इस संगठन के सभी प्रमुख सदस्यों का सफाया कर दिया था। 2010 तक ये माना जाने लगा था कि ये संगठन खत्म हो चुका है।

कारनामे– 2014 में इस संगठन की मौजूदगी तब पता चली जब बर्दवान में गलती से एक विस्फोट हुआ था। फिर संगठन के खुफिया ठिकाने सामने आए। 2016 में जेएमबी के ही एक गुट ने ढाका की होली आर्टिजन बेकरी में विस्फोट किया था।

पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हर साल लगभग 413 हमले किए जा रहे

  • अग्रणी राइट्स ग्रुप आइन ओ सेलिश के मुताबिक 9 साल में हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ के 1678 केस दर्ज हुए। साल 2014 सबसे भयावह रहा। हिंदुओं के 1201 घर उजाड़े गए।
  • पिछले पांच साल से हालात सुधर रहे थे, पर इस साल फिर आतंक बढ़ने लगा। बांग्लादेश में सितंबर 2021 तक हिंदुओं के 196 घर, ट्रेडिंग सेंटर और मंदिर उजाड़े जा चुके हैं।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2013 से सितंबर 2021 के बीच हुई तोड़फोड़ की कुल घटनाओं में सबसे ज्यादा 45.11% में मंदिरों, मूर्तियों और प्रतिमाओं को निशाना बनाया गया। जबकि 42.35% घटनाएं अल्पसंख्यक हिंदुओं के घरों पर हमलों की हैं।
  • 2001 में खालिदा जिया के चुनाव जीतने के बाद उनके समर्थकों ने हिंदुओं के खिलाफ लगातार 150 दिनों तक हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान करीब 18 हजार बड़ी आपराधिक वारदात, करीब एक हजार हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म और 200 के साथ गैंगरेप किया गया। बड़ी संख्या में हिंदू भारत पलायन कर गए।