Wednesday, September 24

एनजीटी के आदेश पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने दी रिपोर्ट:प्रदेश में नर्मदा अपने साथ रोजाना ढो रही 162.124 मिलियन लीटर सीवेज

प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा अपने साथ रोजाना 162.124 मिलियन लीटर सीवेज का भार ढो रही है। यदि लीटर में बात करें तो यह 162 करोड़, 12 लाख 39 हजार लीटर होता है। नर्मदा में सर्वाधिक सीवेज छोड़ने के लिए जबलपुर शहर सर्वाधिक जिम्मेदार है, जहां प्रतिदिन 136 एमएलडी सीवेज डायरेक्टर नदी में बहाया जा रहा है। इसके बाद होशंगाबाद का नंबर आता है, जो रोजाना 10 एमएलडी सीवेज नदी में छोड़ रहा है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर मप्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा में नर्मदा में सीवेज के भार की स्थिति पर पेश की गई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। नर्मदा का केवल धार्मिक और पारस्थितिक महत्व ही नहीं, बल्कि यह हमारे आपके स्वास्थ्य से भी इसका सीधा ताल्लुक है। क्योंकि जबलपुर, भोपाल और इंदौर में पेयजल के लिए नर्मदा जल की आपूर्ति की जाती है।

एनजीटी की जूरी ने जबलपुर नगर निगम और राज्य शासन को निर्देश दिए हैं कि नर्मदा में सर्वाधिक गंदगी के लिए चिन्हित स्थान ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट पर सीवेज कंट्रोल के लिए जल्द से जल्द सख्त कदम उठाए जाएं। एनजीटी ने मप्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को गंदगी रोकने का एक्शन प्लान बनाने को कहा है। साथ ही जिम्मेदारों से एनवायरोंमेंट कंपनसेशन वसूली के भी निर्देश दिए हैं।

नर्मदा में गंदगी की एक वजह नर्मदा तटों पर बढ़ता अतिक्रमण

नर्मदा में गंदगी की एक वजह नर्मदा तटों पर बढ़ता अतिक्रमण भी है। ओंकारेश्वर क्षेत्र में नदी के 65 फीसदी किनारे अतिक्रमण का शिकार हैं। इसके बाद जबलपुर में नदी किनारे भारी अतिक्रमण है। होशंगाबाद शहर में भी नदी तटों पर लगातार अतिक्रमण का खेल चल रहा है। जिनकी सारी गंदगी नदी में समाती है।

एनजीटी ने नर्मदा के प्रवाह से जुड़े सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने इलाके में नदी के फ्लड जोन का सीमांकन कराएं, इसके बाद इस जोन में आने वाले सभी अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।

नर्मदा में गंदगी की एक वजह नर्मदा तटों पर बढ़ता अतिक्रमण

नर्मदा में गंदगी की एक वजह नर्मदा तटों पर बढ़ता अतिक्रमण भी है। ओंकारेश्वर क्षेत्र में नदी के 65 फीसदी किनारे अतिक्रमण का शिकार हैं। इसके बाद जबलपुर में नदी किनारे भारी अतिक्रमण है। होशंगाबाद शहर में भी नदी तटों पर लगातार अतिक्रमण का खेल चल रहा है।

जिनकी सारी गंदगी नदी में समाती है। एनजीटी ने नर्मदा के प्रवाह से जुड़े सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने इलाके में नदी के फ्लड जोन का सीमांकन कराएं, इसके बाद इस जोन में आने वाले सभी अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।