Sunday, October 5

निगम की लापरवाही:ये 100 करोड़ भी बर्बाद समझो… अगली बारिश तक भी नहीं टिक पाएगा पैचवर्क

राजधानी में नगर निगम के साथ पीडब्ल्यूडी और सीपीए ने सड़कों की रिपेयरिंग शुरू कर दी है। तीनों एजेंसियां 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्चा कर जिस तरह से गड्ढे भर रही हैं उसे देखकर कोई भी कह सकता है कि अगली बरसात आने से पहले यहां गिट्टी उखड़ जाएगी और बरसात में फिर से बड़े-बड़े गड्ढे हो जाएंगे।

पीडब्ल्यूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर वीके अमर के अनुसार राजधानी में सड़कों की जो हालत है उसके बाद पूरी सड़क को दोबारा बनाने की जरूरत है। शहर में अधिक ट्रैफिक दबाव और अधिक पानी के बहाव वाले इलाकों में सीमेंट कांक्रीट की सड़क बनाना बेहतर उपाय है।

जिन सड़कों पर पैचवर्क हो रहा है वह ट्रैफिक के दबाव में बरसात से पहले खराब हो जाएगा, क्योंकि एक तो सीलकोट के बाद इसे ड्राय करने के लिए चूना भी केवल औपचारिकता के लिए ही डाला जा रहा है। दूसरा उनका बेस कमजोर है। इसके अलावा सड़कों पर आने वाले पानी को भी रोकने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

काम बीच में रुकने की आशंका

निगम इस साल सड़कों के सुधार और पैचवर्क पर 70.60 करोड़ खर्च कर रहा है। इसमें से 43.97 करोड़ रुपए सरकार से विशेष अनुदान के तहत मांगे गए हैं। सड़कों का सुधार शुरू हो गया है, लेकिन यह राशि नहीं मिली। ऐसे में यदि काम बीच में रुक जाए तो कोई आश्चर्य नहीं, हालांकि निगमायुक्त वीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि हम अपने संसाधनों से प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को सुधार रहे हैं। पीडब्ल्यूडी सड़कों के सुधार पर लगभग 35 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।

क्वालिटी का ध्यान रखा जा रहा है

सड़कों के पैचवर्क में क्वालिटी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जो सड़कें अधिक खराब हैं उनका रिनुअल किया जाएगा। जल्द ही सारी सड़कें ठीक हो जाएंगी।

-एसके मस्के, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी, भोपाल