Thursday, October 2

चयनित शिक्षकों की अंतिम सूची जारी:3 साल से नियुक्ति के इंतजार में थे, पुलिस के डंडे भी खाए; अब जाकर बच्चों को पढ़ा सकेंगे

मध्य प्रदेश में नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रहे चयनित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। स्कूल शिक्षा विभाग ने चयनित शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। इसे एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। चयनित शिक्षक 3 साल से नियुक्ति के इंतजार में बैठे थे। इसे लेकर वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं। रक्षाबंधन के समय चयनित शिक्षकों ने BJP ऑफिस का घेराव किया था। वहीं, पुलिस के डंडे भी खाए थे। लंबे आंदोलन के बाद अब उन्हें नियुक्ति मिलेगी और वे स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ा सकेंगे।

मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक पदों पर चयनित शिक्षकों की अंतिम सूची जारी कर दी है। फाइनल सूची में 12 हजार 43 शिक्षकों के नाम हैं। वेटिंग लिस्ट वाले और वेरिफिकेशन के दौरान रिजेक्ट किए गए शिक्षकों के नाम इसमें शामिल नहीं हैं। चयनित शिक्षकों का वेरिफिकेशन कंप्लीट हो गया है, उन्हीं का नाम इस सूची में है। फाइनल लिस्ट में 8342 उच्च माध्यमिक शिक्षक और 3701 माध्यमिक शिक्षक शामिल हैं। फाइनल सूची एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड है। वहां जाकर चयनित शिक्षक अपना नाम देख सकते हैं।

3 साल पहले हुई थी भर्ती

शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षकों के कुल 12043 पदों की अंतिम चयन सूची जारी की गई है। दरअसल, तीन साल पहले स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के स्कूलों में 30 हजार 554 पदों के लिए भर्ती परीक्षा ली गई थी। इनमें से 15 हजार पद स्कूल शिक्षा विभाग के लिए थे।

लोक शिक्षण कमिश्नर अभय वर्मा ने बताया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक तथा माध्यमिक शिक्षकों के कुल 12 हजार 43 पदों की अंतिम चयन सूची जारी कर दी गई है। इसमें 8342 उच्च माध्यमिक शिक्षक और 3701 माध्यमिक शिक्षक शामिल हैं। प्रावधिक चयन सूची और प्रतीक्षा सूची का पूर्व में प्रकाशन किया गया था। जिसमें शामिल अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन उपरांत उपर्युक्त पदों की अंतिम चयन सूची जारी की गई है।

चयनित शिक्षकों में खुशी की लहर

सूची जारी होने से चयनित शिक्षकों में खुशी की लहर छा गई है। वे एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जता रहे हैं।

नियुक्ति का बेसब्री से था इंतजार

3 साल पहले चयनित होने के बावजूद नियुक्ति न मिल पाने के कारण कई शिक्षकों की आर्थिक रूप से कमर टूट गई थी। कोई सब्जी बेचकर घर चला रहा तो कोई उधार लेकर गुजर-बसर कर रहा था। खरगोन के भूपेश चंद्रा ने बताया कि नियुक्ति न होने से घर की आर्थिक हालत खराब हो गई थी। नियुक्ति के लिए कई बार आंदोलन किए। आखिरकार अब नियुक्ति के आदेश आ गए हैं। इससे काफी राहत मिलेगी। इंदौर की उषा जागीरदार वर्ग-1 में चयनित हुई थी। नियुक्ति न होने के कारण वह पति के साथ सब्जी बेच रही है। नियुक्ति आदेश आने के बाद उनकी भी आर्थिक हालत ठीक हो सकेगी।