
DA-प्रमोशन के मुद्दे पर बुधवार को भोपाल में अधिकारी-कर्मचारियों की अहम मीटिंग होगी। मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने शाम को प्रदेश स्तरीय मीटिंग बुलाई है। इसमें आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। वे सरकार के रवैये से खफा हैं। 29 जुलाई को सरकारी दफ्तरों में ‘लॉकडाउन’ करने के बाद उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया था और सरकार को मांगों के निराकरण करने के लिए एक महीने का समय दिया था, लेकिन मांगों पर कोई निर्णय नहीं हो सका।
मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया, संयुक्त मोर्चा द्वारा जुलाई में तीन चरणों में आंदोलन किया था। जिसमें 29 जुलाई को प्रमुख मांगें जैसे 16% महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति आदि को लेकर प्रभावी रूप से सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया था। सरकार ने वेतन वृद्धि का तो आदेश जारी कर दिया, लेकिन एरियर्स भुगतान व अन्य मांगों पर निर्णय नहीं लिया है। इसलिए 8 सितंबर की शाम को मोर्चा से जुड़े संगठनों की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें निर्णय लेकर आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे। मीटिंग लघु वेतन कर्मचारी संघ के प्रदेश कार्यालय में होगी।
इसलिए नाराजगी
संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि 29 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेने के बाद 30 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जानी थी, किंतु जनप्रतिनिधि व अफसरों के आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित कर दी थी। बावजूद सरकार ने न तो आदेश जारी किया और न ही किसी प्रकार का संवाद किया। इसलिए भी नाराजगी है।
इन मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे
- 1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान किया जाए।
- प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16% प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाए।
- अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रोसेस जल्द शुरू हो।
- गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह MP के अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिया जाए।