Wednesday, September 24

खामियों पर चर्चा:111 आपत्तियों में से बेतवा को बचाने सिर्फ 3 लोग ही आगे आए, बाकी ने अपनी जमीन को कमर्शियल और आवासीय में बदलने रखा प्रस्ताव

शहर के विजन-2035 मास्टर प्लान के मसौदे में खामियों को लेकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में एक बैठक बुलाकर शहर के लोगों से चर्चा की। इसमें 111 से अधिक लोगों ने आपत्ति लगाई थी लेकिन सिर्फ 3 लोगों ने ही बेतवा को बचाने, उसे प्रदूषित मुक्त करने, नालों का गंदा पानी रोकने और कैचमेंट एरिया बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव रखा। ज्यादातर अन्य सभी लोगों ने शहर के बायपास और रिंगरोड के आसपास लगी अपनी जमीन को कमर्शियल और आवासीय क्षेत्र में बदलने की मांग संबंधी प्रस्ताव लेकर आए थे।

बैठक में बेतवा का कैचमेंट एरिया बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। इससे पहले टीएंडसीपी ने अपने मसौदे में बेतवा किनारे से केवल 50 मीटर तक कैचमेंट एरिया बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था जबकि बेतवा के दोनों किनारों पर हाई फ्लड लेवल यानी करीब 500 मीटर तक पहले ही अवैध रूप से निर्माण कार्य हो चुका है।

इसके अलावा शहर में रिंग रोड को चालू करने, सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने सहित विकास से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। बैठक की निर्णायक समिति में विदिशा विधायक शशांक भार्गव, जिंप अध्यक्ष तोरण सिंह दांगी, पूर्व जनपद अध्यक्ष रणधीर सिंह ठाकुर और छत्रपाल शर्मा मौजूद थे।

बायपास से 200 मीटर दूर सर्विस रोड बनाने के बजाय पुराने रोड को चौड़ा करें: विधायक शशांक
विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि मास्टर प्लान में प्रस्तावित है कि शहर के ट्रैफिक कंट्रोल के लिए बायपास से 200 मीटर दूर नया सर्विस रोड बनेगा। इसमें मेरा सुझाव है कि नया सर्विस रोड बनाने के बजाय पूरन पुरा रोड को चौड़ा किया जाए। बायपास के दोनों ओर पौधरोपण किया जाए। बेतवा के छोर से 15 मीटर से लेकर उससे आगे जिस स्थान पर बाढ़ का पानी आता है, वहां उतनी ही दूरी तक कैचमेंट एरिया माना जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपना निवेश क्षेत्र बढ़ाने से वंचित ना रहें। ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 2 हेक्टेयर की जमीन कम है।

सभी अपनी संपत्ति बचाने आए हैं, मैं बेतवा को बचाने आया हूं: नीरज चौरसिया
टीएंडसीपी द्वारा आयोजित इस बैठक में विदिशा के समाजसेवी और पर्यावरणविद नीरज चौरसिया ने कहा कि सभी लोग अपनी संपत्ति बचाने आए हैं जबकि मैं बेतवा को बचाने आया हूं। प्रस्तावित मास्टर प्लान में बेतवा का कैचमेंट एरिया 50 मीटर करने का दायरा बहुत कम है। इसे बढ़ाकर हाई फ्लड लेवल 500 मीटर तक किया जाए। शहर में रामलीला रोड, गणेशपुरा और ईदगाह चौराहे तक बेतवा की बाढ़ का पानी पहुंच जाता है। मेरा सुझाव है कि नर्मदा की तरह बेतवा के कैचमेंट एरिया को भी हाई फ्लड लेवल तक माना जाए।

नोटीफिकेशन में खामियां, अब सिटी बस की जरूरत: डाॅ.आरएस शर्मा
डा.आरएस शर्मा ने कहा कि 2030 के मास्टर प्लान की तुलना में 2035 के मास्टर प्लान में केवल 66.94 हेक्टेयर जमीन ही ज्यादा प्रस्तावित की गई है। इसे बढ़ाना चाहिए। सागर पुलिया के पास 6 महीने तक पानी भरा रहता है। अमृतसिटी योजना के अनुसार अब विदिशा में सिटी बस की जरूरत है। गजट नोटीफिकेशन में कई खामियां हैं। जंबार बागरी में 30.71 करोड़ की लागत से 84 हेक्टेयर में नया औद्योगिक एरिया बनाया गया है लेकिन उसे मास्टर प्लान में शामिल नहीं किया गया है।

नए मास्टर प्लान में मिश्रित एरिया बढ़ाने पर किया जा रहा है फोकस

एग्रीकल्चर एरिया को बनाया जाए आवासीय: राणा
लायंस क्लब के अध्यक्ष और समाजसेवी योगेंद्रसिंह राणा ने बैठक में कहा कि ढोल खेड़ी रिंग रोड के 200 मीटर आसपास एग्रीकल्चर लैंड को आवासीय घोषित किया जाए। इससे यह पूरा शहर विकसित हो जाएगा और लोगों को इससे फायदा मिलेगा। इस एरिया में पहले से ही कई कालोनियां कट रही हैं। आवासीय लैंड घोषित करने से विकास बढ़ेगा। ढोल खेड़ी चौराहे को भी विकसित किया जा रहा है।

ग्रीन बेल्ट एरिया में काट दी काॅलोनी: सुमित
सुमित साहू ने कहा कि 2011 में कपूर गार्डन के सामने वाली जमीन को तत्कालीन कलेक्टर सीबी सिंह ने ग्रीन बेल्ट घोषित किया था। अब वहां पर गोदावरी ग्रीन कालोनी कट गई है। ग्रीन बेल्ट को आवासीय में बदल दिया है। टीएंडसीपी ने आखिर डायवर्सन की अनुमति कैसे दे दी। सुनील पलोड ने आपत्ति लगाई कि मगधम इंटरनेशनल स्कूल के पास जमीन को ग्रीन बेल्ट घोषित किया है जबकि वहां कालोनियां बन गई हैं और स्कूल भी चल रहा है।

सौराई क्षेत्र में यातायात नगर को किया जाए विकसित: वीरेंद्र
आयकर सलाहकार वीरेंद्र पीतलिया ने कहा कि सौराई में यातायात नगर के लिए जमीन चिन्हित हुई है। रेक पाइंट पहले से बन चुका है। अब इस एरिया को भी आवासीय एरिया में परिवर्तित किया जाए। कस्बा विदिशा में जहां डेयरी, इंडस्ट्रीज, कमर्शियल कांप्लेक्स और बस स्टैंड प्रस्तावित है, वहां भी डेवलपमेंट होना चाहिए। बैठक में 90 फीसदी से ज्यादा आपत्तियां एग्रीकल्चर लैंड को आवासीय, कमर्शियल और मिश्रित उपयोग के लिए लैंडयूज बदलने संबंधी प्रस्ताव रखे गए।

8 मीटर चौड़ी सर्विस रोड करने का रखा प्रस्ताव
विदिशा बायपास के पेरेलल आशीष मंगल वाटिका से लेकर मिर्जापुर तक 18 मीटर चौड़े एक सर्विस रोड का प्रस्ताव रखा है। ये पेरेलल रोड बायपास से 200 मीटर अंदर की तरफ बनेगी। इससे जो 8 एप्रोच रोड सीधे बायपास में मिलते हैं, वे सीधे नहीं मिलेंगे।

रिंग रोड के 200 मी. दायरे में निर्माण प्रतिबंधित
सागर रोड पर पांझ गांव से लेकर रिंग रोड से होते हुए ढोल खेड़ी चौराहे तक 200 मी. दायरे में आवासीय निर्माण प्रतिबंधित किया है। बैंक, ढाबा, मार्केट, एटीएम आदि सभी प्रतिबंधित किए गए हैं। बायपास के पास एक्सीडेंट को रोकने के लिए सर्विस रोड बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।

मिश्रित उपयोगी जमीन को दे रहे बढ़ावा
विदिशा के 111 लोगों की आपत्तियों का निराकरण किया है। शहर में ज्यादातर मिश्रित उपयोग की जमीन को बढ़ावा दिया जा रहा है। यानी ऐसे स्थान जहां एक ही स्पाट पर आवासीय और कमर्शियल कांप्लेक्स डेवलप किए जा सकें। जल्द ही कमेटी की अगली बैठक होगी। उसमें मसौदों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद फाइनल मास्टर प्लान को लागू करने के लिए शासन के पास भेजा जाएगा।-डाॅ.अमित गजभिए, ज्वाइंट डायरेक्टर टीएंडसीपी भोपाल।

खास-खास सुझाव

  • ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जमीन 2 हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ाई जाए।
  • मिश्रित उपयोग की जमीन बढ़ाई जाए।
  • नया सर्विस रोड बनाने के बजाय पुराने मार्गों को चौड़ा किया जाए।
  • शहर के आसपास एग्रीकल्चर लैंड को आवासीय और कमर्शियल बनाया जाए।
  • चोरघाट के नाले के पास सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाए।
  • बस स्टैंड का स्थान परिवर्तित किया जाए, शहर में बसों को एंट्री नहीं दी जाए।
  • पेयजल के लिए मास्टर प्लान में विधिवत प्रस्ताव लाया जाए।
  • शहर में हाकर्स जोन बनाए जाएं, छोटे रोजगार बढ़ाने के अवसर तैयार किए जाएं।