
बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया के कारण मध्यप्रदेश में गर्मी से कुछ राहत मिलना शुरू हो गया। बीते चौबीस घंटे के दौरान प्रदेश भर के 32 जिलों में रिमझिम हुई। मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि लो प्रेशर एरिया उड़ीसा के तट पर पहुंच गया है।
अब यह धीरे-धीरे झारखंड से बढ़ेगा। यह दो दिनों मध्यप्रदेश में पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। साथ में मानसून ट्रफ लाइन भी कुछ नीचे आ रही है। अगले 24 घंटे के बाद प्रदेश में तेज बारिश शुरू होगी। मानसून के रास्ते में पश्चिमी विक्षोभ के आने के कारण कुछ एक्टिविटी कम होने की संभव है।
अगले चौबीस घंटे के दौरान इंदौर, जबलपुर और शहडोल संभागों में अच्छी बारिश होगी, लेकिन उज्जैन और भोपाल में हल्की बौछारें ही रहेंगी। ग्वालियर में कुछ गतिविधियां भी बढ़ेगी, लेकिन तेज बारिश होगी।
यहां ज्यादा बारिश होगी
वैज्ञानिक सिंह ने बताया कि अगले चौबीस घंटों के दौरान पूर्वी मध्यप्रदेश के जबलपुर, शहडोल और होशंगाबाद तीनों संभागों के अलावा इंदौर और नर्मदा किनारे के संभागों में अच्छी बारिश है। यहां दो दिन लगातार अच्छा पानी गिरेगा। इनसे लगे संभागों में मध्यम बारिश होगी। ग्वालियर, उज्जैन, और चंबल संभाग में 19 से बारिश होगी, लेकिन ज्यादा नहीं होगी। भोपाल में आज कुछ जगह बौछारें रहेंगी, जबकि बुधवार को कुछ जगहों पर अच्छा पानी गिर चुका है। गुरुवार को जरूर कुछ मध्यम से तेज बारिश होगी। अभी ग्वालियर और उज्जैन में भारी बारिश नहीं होगी।
22 तक बारिश होती रहेगी
नए सिस्टम के कारण प्रदेश में अब 22 अगस्त तक इसी तरह बारिश होती रहेगी। इसे बाद दो दिन तक 24 अगस्त तक कुछ हिस्सों में पानी गिरेगा, जबकि 25 से प्रदेश भर में सिर्फ गरज-चमक की स्थिति रहेगी। मानसून सप्ताह के अंत तक ऐसा ही रहेगा।
यह सिस्टम बना हुआ है
पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया सक्रिय है। मॉनसून ट्रफ का पश्चिमी भाग हिमालय की तलहटी क्षेत्रों में और पूर्वी भाग हरदोई, गया, जमशेदपुर से होते हुए लो प्रेशर एरिया फैला है। वहीं पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण ट्रफ लाइन पर इसका असर पड़ रहा है।
16 जिले रेड जोन में आए
मानसून के दूसरे ब्रेक के बाद सक्रिय होने बाद भी प्रदेश के कई इलाकों स्थिति चिंताजनक हो गई है। बीते चौबीस घंटों में सूखा प्रभावित इलाकों की संख्या 15 से बढ़कर 16 हो गई है। सूखे की चपेट में इंदौर के अलावा झाबुआ, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, होशंगाबाद, हरदा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, कटनी, दमोह और पन्ना आ गए हैं। इसके अलावा सीहोर, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, सतना, छतरपुर, सागर, देवास, अलीराजपुर और मुरैना में भी बारिश का कोटा सामान्य से नीचे चला गया है। भोपाल में भी सामान्य से कम बारिश हो गई।
यहां बारिश हुई
विदिशा के लटेरी में 1.5 इंच, सतना के रामनगर, सागर के बीना, नरसिंहपुर के गाड़रवारा में 1-1 इंच, भिंड सिटी, खरगोन, राजगढ़ के खिलचीपुर, भोपाल के कोलार में आधा-आधा इंच पानी गिरा। इसके अलावा बड़वानी, होशंगाबाद, हरदा, गुना, दतिया, रायसेन, ग्वालियर, अशोकनगर, बैतूल, शिवपुरी, खंडवा, सीहोर, बुरहानपुर, पचमढ़ी, सिवनी, दमोह, बालाघाट, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, कटनी, जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, उमरिया, पन्ना, छतरपुर, सीधी और शहडोल में कहीं-कहीं हल्की बरिश हुई है।
बारिश का कोटा कम हुआ
प्रदेश में अब तक 24.5 इंच बारिश हुई है, जबकि इस दौरान 25 इंच पानी गिरना चाहिए था। यह सामान्य से 1% कम है। गुना, शिवपुरी और श्योपुर में 40 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।