
शहद तो वैसे मधुमक्खी तैयार करती है, लेकिन जबलपुर में फैक्टरी में शहद तैयार हो रही थी। पुलिस ने नकली शहद बनाने की फैक्टरी बनाने की फैक्टरी पकड़ी है, जहां शक्कर का सीरा, फिटकरी, आरारोट, कलर और एसेंस मिलाकर शहद तैयार हो रहा था। आरोपी 20 और 35 ग्राम की शीशी दुकानों को 5 से 8 रुपए में बेचता था, जबकि लागत 2 से 3 रुपए पड़ती थी। नकली शहद बनाने का यह धंधा खानदानी बन चुका था। पिता की मौत के बाद बेटा कारोबार चला रहा था। 4 महिलाओं को इस काम के लिए रखा गया था। आरोपी उन्हें 5-5 हजार रुपए हर महीने वेतन देता था। चारों महिलाएं रोज सुबह 10 से शाम पांच बजे तक शीशियों में शहद पैक करती थीं।
माढ़ोताल टीआई रीना पांडे ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरटीओ के सामने मकान नंबर 321 में रहने वाला मुकेश गोयल नकली शहद बनाकर बाजार में बेचता है। क्राइम ब्रांच के साथ माढ़ोताल पुलिस ने बुधवार को मौके पर दबिश देकर आरोपी मुकेश गोयल को दबोच लिया। आरोपी ने घर के अंदर शहद बनाने का पूरा कारोबार जमा रखा था। दबिश के दौरान चार महिलाएं शहद पैक करती हुई मिलीं, वहीं आरोपी खुद सीरा तैयार कर रहा था। आरोपी मुक्ता फार्मेसी नाम से शहद की पैकिंग करके बाजारों में बेचता था। आरोपी का पिता भागचंद गोयल भी इसी तरह शहद बनाकर बेचता था। उसकी मौत के बाद बेटे ने कारोबार संभाल लिया।
7 हजार से ज्यादा शीशी जब्त
पुलिस ने मौके से पैकिंग की हुई 20 ग्राम की 1033 शीशी और 35 ग्राम की 1246 शीशी सहित गैस पर चढ़े गंज में 31 किलो नकली शहद जब्त किए। वहीं बिना रैपर वाली 5 हजार शीशी और 20 बोरियों में भरी खाली शीशी भी जब्त की गई है। पुलिस ने मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद कुमार धुर्वे को भी बुला लिया। उनकी रिपोर्ट पर माढेाताल थाने में आरोपी मुकेश गोयल के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
आधी कीमत में दुकानदारों को उपलब्ध कराता था
आरोपी मुकेश गोयल की 20 ग्राम और 35 ग्राम शहद की शीशी की लागत दो से तीन रुपए पड़ती थी। वह 20 ग्राम की शीशी पांच रुपए में तो 35 ग्राम की शीशी 8 रुपए में दुकानदारों को उपलब्ध कराता था। दुकानदार 20 ग्रामी की शीशी 10 रुपए में और 35 ग्राम की शीशी 15 रुपए में बेचते थे। 50% प्रतिशत मुनाफा होने के चलते नकली शहद हाथों-हाथ बिक जाता था। खासकर धार्मिक स्थल वाले दुकानों में उसके शहद की खपत अधिक थी।