
अगर आप डिजिटल लेनदेन करते हैं, तो आप ये खबर जरूर पढ़ें। ऐसे लाेग अलर्ट हो जाएं, क्योंकि साइबर फ्रॉड करने वालों ने पेमेंट के फर्जी SMS भेजने का रास्ता निकाल लिया है। इससे पेमेंट का मैसेज तो फोन पर आ जाता है, लेकिन असल में कोई पेमेंट होता ही नहीं है। अगर अभी तक आप पेमेंट आने के SMS की सत्यता की जांच नहीं कर रहे हैं, तो अब ध्यान देने की जरूरत है। साइबर फ्रॉड ने पेमेंट करने के लिए एक क्लोन SMS तैयार करते हैं। इसके माध्यम से आरोपी पेमेंट का डमी मैसेज भेजकर भ्रमित कर देता है।
साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी से जाने की आखिर इन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है।
सवाल : आखिर यह फर्जी SMS बनता कैसे बनता है?
एक्सपर्ट : यह एक साइबर फ्रॉड है। इसमें आरोपी एक मोबाइल ऐप का सहारा लेते हैं।
सवाल : ऐप से SMS कैसे तैयार होता है?
एक्सपर्ट : आरोपी मोबाइल एप में जिसे पेमेंट भेजना होता है, उसका मोबाइल फोन नंबर उसमें डालता है। टेक्स्ट की जगह पेमेंट के पुराने SMS को काॅपी करके रखता है। इसमें वह पेमेंट रिसीव करने वाले का नाम लिख देता है। इसी मैसेज को वह भेज देता है।
सवाल : इससे बचा कैसे जा सकता है?
एक्सपर्ट : इस तरह के पेमेंट के SMS आरोपी दुकानों में लेनदेन के लिए करते हैं। रिसीव करने वाले व्यक्ति को मैसेज आए नंबर और उसमें संबंधित बैंक का नाम देखना चाहिए।
सवाल : अगर बैंक का नाम भी रहा तो फिर क्या करें?
एक्सपर्ट : सभी कंपनियां अब पेमेंट के लिए एक स्पीकर देने लगे हैं। पेमेंट होत ही स्पीकर से पेमेंट का वाइस आती है। ऐसे में बैलेंस या SMS चेक करने की जरूरत नहीं है।
एक्सपर्ट : पेमेंट का SMS उस बैंक से आता है, जिसमें आपके बैंक का खाता होता है। ऐसा होने की संभावना कम होती है, लेकिन अगर ऐसा हाता है, तो एक बार बैलेंस जरूरी चेक कर लें।
सवाल : इसके अलावा भी कोई दूसरा विकल्प है क्या?
सवाल : इस तरह के आरोपी किस तरह बचते हैं?
एक्सपर्ट : इस तरह के फ्रॉड मार्केट में काफी हो रहे हैं, लेकिन बैलेंस की टेली नहीं होने के कारण इनको पकड़ना मुश्किल होता है। जहां पेमेंट का टेली होता है, वहां इसका पता चल जाता है। इस कारण ऐसे तरह के फ्रॉड सामान्य दुकानों और भीड़-भाड़ के दौरान इस तरह का फ्रॉड करते हैं।