Thursday, September 25

MP में जून का मानसून ऑडिट:सामान्य से 35% ज्यादा बारिश, लेकिन 2020 की तुलना में 1 इंच कम; भाेपाल में 143% और इंदौर में 8% ज्यादा पानी गिरा, ग्वालियर में 48% कम

252 डैम में से 158 में अभी 10% पानी भी नहीं भरा

मध्यप्रदेश में इस साल 1 जून से 30 जून तक करीब 7 इंच बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से करीब 35% ज्यादा है, लेकिन वर्ष 2020 की तुलना में एक इंच बारिश कम हुई है। पिछले साल इसी दौरान करीब 8 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई थी। MP के पूर्व मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हो चुकी है। यहां अब तक सामान्य से 42% ज्यादा बारिश हो चुकी है, जबकि पश्चिम मध्यप्रदेश में अभी सामान्य से 28% ज्यादा ही पानी गिरा है।

प्रदेश के बड़े शहरों की बात करें तो अब तक भोपाल में सामान्य से 143% और इंदौर में 8% ज्यादा पानी गिरा है। जबलपुर में 9% बरसात हुई, जबकि ग्वालियर में 48% कम बारिश हुई है। ग्वालियर-चंबल का इलाका में कम बारिश हुई है।

हालांकि मौसम विभाग की मानें तो आने वाले समय में मानूसन एक फिर रफ्तार पकड़ेगा। इस बार सामान्य बारिश होने की संभावना है। यही कारण है, अब तक मध्यप्रदेश के 252 डैम और स्टॉप डैम में से 152 में 10% तक पानी नहीं भर सका है।

प्रमुख प्रोजेक्ट की स्थिति

प्रोजेक्ट जिला – 2021 में भरा – 2020 में था
इंदिरा सागर – खंडवा – 8% – 18%
ओंकारेश्वर – खंडवा – 71% – 15%
रानी अवंतीबाई (बरगी) – जबलपुर – 43% – 32%

पूर्वी MP में बंगाल से आता है मानसून

मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में अनूपपुर, बालाघाट, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, पन्ना, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़ और उमरिया जिले आते हैँ। इन जिलों में पश्चिम बंगाल से मानसून प्रवेश करता है। यहां बंगाल से आने वाली हवाओं का असर होता है और इसी से बारिश होती है।

पश्चिम MP में अरब सागर से आता है मानसून

पश्चिमी मध्यप्रदेश के आलीराजपुर, अशोकनगर, बड़वानी, बैतूल, भिंड, भोपाल, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, ग्वालियर, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, उज्जैन और विदिशा जिले आते हैं। इन जिलों में अरब से मानसून प्रवेश करता है। यहां अरब सागर से आने वाली मानसूनी हवाओं असर रहता है। इसी से बारिश होती है।

किसानों को सलाह

प्रदेश के अधिकांश भागों में मानसूनी बारिश प्रारंभ हो चुकी है। अत : किसान खरीफ फसलों ( सोयाबीन, अरहर, तिल, मक्का आदि ) की बुआई करें।