
बैंक खाता बंद होने के कारण उत्कृष्ट हायर सेकेंडरी स्कूल के 200 से अधिक छात्रों को हर साल छात्रवृत्ति समय पर नहीं मिल पाती। इस बार स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्रों से जमा राशि की पर्ची मंगवाई जा रही है। जिससे की उन्हें अपने खाते की हकीकत पता चल रही है।
उत्कृष्ट हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले 1 हजार से अधिक छात्रों में से 95 फीसदी छात्रों को हर साल विभिन्न तरह की छात्रवृत्ति मिलती है। 2015 से पहले इन छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति चेक के माध्यम से दी जाती थी। इसके बाद से शासन के नियमानुसार छात्रों की छात्रवृत्ति सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जा रही है। इसी दौरान शासन द्वारा जन धन योजना के तहत खाते भी खुलवाए गए थे।
अधिकांश छात्रों ने कियोस्क सेंटर से ये खाते खुलवाए थे। बैंकों के नियमानुसार छात्रों को इनमें से नियमानुसार लेनदेन करना चाहिए था लेकिन छात्रों द्वारा सिर्फ छात्रवृत्ति के राशि आने पर ही इसका उपयोग किया गया। इस कारण कई छात्रों के खाते बंद हो गए लेकिन उन्हें पता नहीं चला सका। जब वे छात्रवृत्ति राशि निकालने के लिए कियोस्क सेंटरों पर पहुंचते हैं तो उन्हें खाता बंद होने की जानकारी मिलती है और इसके बाद शुरू होता है बैंक, कियोस्क और स्कूल के चक्कर लगाने का सिलसिला।
प्रबंधन पहले कर रहा खाते की पुष्टि
इस पूरी प्रक्रिया मे कई छात्र परेशान हो जाते हैं और वे 181 सहित अन्य माध्यमों से स्कूल प्रबंधन की शिकायत करते हैं। इसके बाद शुरू होता स्कूल प्रबंधन द्वारा जानकारी देने का सिलसिला। 6 साल से प्रबंधन हर साल इस कागजी कार्रवाई में परेशान होता है। इस परेशानी से बचने और छात्रों को परेशानी से बचाने के लिए इस बार प्रबंधन ने नई प्रक्रिया अपनाई है। वे प्रत्येक छात्र से उसके खाते संबंधी जानकारी ले रहे हैं। इसके लिए वे छात्र से बैंक अथवा कियोस्क की जमा राशि की पर्ची मंगवा रहे हैं। जिससे की छात्र को उसका खाता चालू होने की जानकारी मिले और स्कूल छात्रवृत्ति की राशि जमा करवा सके।
300 से 5000 रुपए तक मिलती है छात्रवृत्ति: उत्कृष्ट हासे स्कूल में हर साल 800 ये अधिक छात्रों को हर साल छात्रवृत्ति मिलती है। ये राशि 300 से शुरू होकर 5000 रुपए तक होती है। छात्र को उसके वर्ग और विभिन्न योजनाओं की पात्रता के आधार पर छात्रवृत्ति मिलती है। 200 से अधिक छात्रों की छात्रवृत्ति हर साल अटक जाती है। स्कूल के छात्रवृत्ति प्रभारी महेश ताम्रकार ने बताया कि जानकारी के अभाव में छात्रों में असमंजस की स्थिति बनती है। उनके हाथ में समय पर छात्रवृत्ति की राशि पहुंच सके। इसके लिए हम व्यवस्था बना रहे हैं। खासतौर से 9वीं और 10वीं तक के छात्रों से हम अनिवार्य रूप से जमा पर्ची अथवा खाते की वस्तुस्थिति पूछ रहे हैं।
छात्रों की समस्या का निदान करना हमारी पहली प्राथमिकता
- छात्रों के हाथों में उनकी छात्रवृत्ति की राशि समय पर पहुंचे इसके लिए हम उनके खाते संबंधी जानकारी पहले ले रहे हैं। इससे उन्हें बैंक खाता संचालन से जुड़ी जानकारी भी मिल सकेगी। छात्रों की समस्या का निदान करना हमारी पहली प्राथमिकता है। -मोहम्मद शफीक खान, प्राचार्य, उत्कृष्ट हासे स्कूल सिरोंज।