Wednesday, September 24

बिना सुविधा के कैसे बचें कोरोना से:जिले में फर्स्ट क्लास डॉक्टर के 76 पद; भरे सिर्फ 10 ही, गांव में जो मौजूद, वे जिले में दे रहे ड्यूटी

अब गांवों में तेजी से कोरोना फैल रहा है, लेकिन प्रशासन इसको लेकर चिंतित नहीं है। जिले के 325 से ज्यादा गांवों में कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं और गई गांवों में संक्रमण की वजह से आवाजाही तक रोकी गई। गांवों में हालात ऐसे हैं कि हर चौथे घर में सर्दी-खांसी, बुखार का मरीज है। न लोग टेस्ट करा रहे, न ही इलाज, क्योंकि यहां दोनों की व्यवस्था नहीं है।

इस संक्रमण के दौर में इस बात सामने आ रही है कि जिले के ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। जिले में 1 जिला अस्पताल, 2 सिविल हास्पिटल, 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरों में 4 स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसके अलावा उप स्वास्थ्य केंद्र भी हैं।

जिले में फर्स्ट क्लास डॉक्टरों के 76 पद स्वीकृत हैं लेकिन इनमें से सिर्फ 10 पद भरे हुए हैं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं जिले में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कितनी ज्यादा कमी है। वहीं 79 सेकंड क्लास डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं लेकिन इनमें से 60 भरे हुए हैं। वहीं 19 पद खाली हैं।

गंजबासौदा- ग्रामीण क्षेत्र के डाॅक्टरों को विदिशा मुख्यालय अटैच
विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र में एक सीएससी सहित उसके अधीनस्थ 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। त्योंदा स्थित 30 बिस्तरों वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में छह डॉक्टरों के पद हैं। लेकिन वर्तमान में यहां भी स्थाई डॉक्टर नहीं है। संविदा पर नियुक्त एक डॉक्टर संक्रमित होने के कारण उदयपुर में कार्यरत डॉक्टर को अटैच किया गया है।

इसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ग्रामीण क्षेत्र में 3 प्राथमिक केंद्र संचालित हैं। इनमें उदयपुर, कुल्हार और गमाखर हैं। उदयपुर में पदस्थ आयुष चिकित्सक विकास जैन को विदिशा अटैच किया गया। जबकि एमबीबीएस चिकित्सक इंद्रजीत सिंह सप्ताह में 2 दिन त्योंदा ड्यूटी देते हैं।

कुल्हार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयुष विभाग के डॉक्टर की ड्यूटी विदिशा में लगाई है। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर को बासौदा में किल कोरोना अभियान में लगाने से अब कोई चिकित्सक नहीं है। गमाखर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉ सुदीप साहू पदस्थ है। जबकि इसी स्वास्थ्य केंद्र के आयुष चिकित्सक जय चौधरी को बासौदा के तिल कोरोना अभियान की सेवा में लगाया है।

सिरोंज- अस्पतालों में पदस्थ संविदा डाॅक्टर बने बीएमओ और सिविल अस्पताल के प्रभारी, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र हुए खाली

गांव में कोरोना फैल रहा लेकिन विभागीय अधिकारियों ने गांव के ही संविदा डाक्टरों को क्षेत्र की और नगर के अस्पताल की व्यवस्था सौंप दी है। प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र गरेंठा के संविदा डाक्टर अभिषेक उपाध्याय को क्षेत्र का बीएमओ बना दिया गया हैं। यहां पदस्थ आयुष डाक्टर खुद संक्रमित हो गई है।

ये अस्पताल अब डाॅक्टर पूरी तरह एएनएम के भरोसे हो गया है। जो सिर्फ डिलेवरी करवाती हैं। आसपास के 20 गांवों के लोग झोलाछापों के भरोसे हैं। इधर बीएमओ ने ही कस्बाताल प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र के संविदा डाक्टर अमित भेदिया को राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय का प्रभारी बना दिया है। कस्बाताल की महिला डाक्टर लंबे समय से छुट्टी पर है। 25 गांवों के लोग एएनएम के भरोसे इलाज करवा रहे हैं।

आनंदपुर -रुसल्ली साहू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के भरोसे मरीज
लटेरी ब्लॉक में 21 उप स्वास्थ्य केंद्र में 17 एमपीडब्ल्यू के पद खाली हैं। ब्लाक में डॉक्टर सहित 90 का मेडिकल स्टाफ होना चाहिए लेकिन वर्तमान में सिर्फ 48 ही पद भरे हुए हैं और 42 पद खाली हैं। रुसल्ली साहू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी दो डॉक्टर सहित 5 का मेडिकल स्टाफ होना चाहिए लेकिन यहां पर सिर्फ स्टाफ नर्स है जिसके भरोसे सभी मरीज हैं।

नटेरन- 16 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले गए, आज सभी बंद पड़े हैं
ब्लाक में 35 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। वहीं ब्लाक में 16 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले गए थे और इस कोरोना काल मंे सारे के सारे बंद पड़े हैं। ऐसा इसलिए कि इनमें पदस्थ सभी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को विदिशा कोविड केयर सेंटर में अटैच कर दिया गया है। जबकि गांव के मरीजों को इलाज की जरूरत है। वे झाेलाछाप से इलाज करने मजबूर है।

ग्यारसपुर- डॉक्टर के स्वीकृत पद 8, लेकिन 2 के भरोसे चल रहा स्वास्थ्य केंद्र
ग्यारसपुर का अस्पताल सिर्फ दो डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है। डॉ अब्बास खान वर्तमान में बीएमओ के पद पर कार्यरत हैं और वे कोविड सेंटर में मरीजों के देखभाल में लगे हैं। दूसरे डॉक्टर बीपी शर्मा के भरोसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी मरीज हैं। यहां रोजाना 150 से 200 मरीज रोजाना ओपीडी में आते हैं। जिन्हें सही ढंग से इलाज नहीं मिलता।

कोरोना कॉल में कई डाॅक्टर पदस्थ हुए हैं
कोरोना संक्रमण के दौरान अभी कई जगह डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। नई जानकारी अपडेट नहीं हो पाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ डाक्टरों के अपने-अपने क्षेत्र में इलाज करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों की पहचान के लिए किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है। -डॉ. केएस अहिरवार, सीएमएचओ विदिशा।