
मध्यप्रदेश में नए संक्रमितों की संख्या पिछले 10 दिन से स्थिर है। हर दिन यह आंकड़ा 12 से 13 हजार से बीच में है। इस दौरान हर दिन अधिकतम सैंपल टेस्ट का रिकॉर्ड भी बन रहा है। 5 मई को अब तक सबसे अधिक 68,102 टेस्ट रिपोर्ट में 12,421 सैंपल पॉजिटिव मिले। इसमें से 41% से अधिक टेस्ट रैपिड एंटीजन हैं। पिछले 24 घंटे में 86 मरीजों की मौत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में मौतों का आंकड़ा 6,160 हो गया है।
कोरोना के सैंपल टेस्ट का आंकड़ा बढ़ने का एक प्रमुख कारण रैपिड एंटीजन टेस्ट है। हालांकि यह प्रमाणिक रूप से ज्यादा भरोसेमंद नहीं माना गया है। यही वजह है कि एंटीजन टेस्ट के बाद भी लोग RT- PCR टेस्ट करा रहे हैं। इस कारण टेस्ट का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की गाडडलाइन के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। लेकिन मध्य प्रदेश में पिछले चार दिन से 36 से 41% तक एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं।
जांच शुल्क कम होने से भी बढ़े एंटीजन टेस्ट
सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट का शुल्क 300 रुपए कर दिया है। ऐसे में जो लोग संक्रमण होने पर जल्द जांच रिपोर्ट के लिए यह टेस्ट करवा रहे हैं। दरअसल, रैपिड एंटीजन टेस्ट स्क्रीनिंग है। कई मरीज इस टेस्ट को करवाने के बाद भी कंफर्म करने के लिए RT- PCR टेस्ट करवाते हैं। ऐसे में सैंपल टेस्ट का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसके साथ ही दो-दो टेस्ट होने के कारण लैब में वर्क लोड बढ़ रहा है।
कौन-सा टेस्ट सटीक और भरोसेमंद?
कोरोना टेस्ट के लिए RT-PCR टेस्ट के नतीजे सबसे भरोसेमंद हैं। हालांकि इसकी रिपोर्ट आने में वक्त लगता है, लेकिन इसे गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है। इसके अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट) भी होता है, जिसके नतीजे तुरंत पता चल जाते हैं। अगर रैट रिपोर्ट पॉजिटिव है, तो कोरोना है। अगर रैट रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद लक्षण दिख रहे हैं, तो RT-PCR करवाना ही चाहिए।
प्रदेश में एक्टिव केस 88,614 हुए
मध्यप्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 88,614 पहुंच गई है। हालांकि पॉजिटिविटी रेट घट कर 18% हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर में 1,782, भोपाल में 1,584, ग्वालियर में 1020 और ग्वालियर में 870 नए संक्रमित मिले हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 6 लाख 37 हजार 404 हो गई है। जबकि स्वस्थ्य हुए मरीजों की संख्या 5 लाख 42 हजार 632 हो गई है।