
- मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में वाटर वर्क्स और चरणतीर्थ पर बेतवा में मिली गंदगी
हमारी जीवन दायिनी बेतवा के पानी में कई जगह बहुत गंदगी है। यहां तक की पानी में फिकल कालिफार्म की मौजूदगी भी मिली है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बेतवा के पानी में गंदगी मिलने की पुष्टि हुई है।
मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने पिछले महीने दिसंबर में बेतवा के दो स्थानों से सैंपल लिए थे और इनकी जांच कराई। रिपोर्ट हाल ही में आई है और इस रिपोर्ट में बेतवा के पानी में गंदगी मिली है। बेतवा के पानी के सैंपल वाटर वर्क्स और चरणतीर्थ से लिए गए थे। वाटर वर्क्स इंटक वेल के पास पानी में बहुत ज्यादा गंदगी है।
ये आया जांच रिपोर्ट में
फिकल कालिफार्म की 100 एमएल में 2500 एमपीएन(मेक्सिमम प्रोबेबेल नंबर) से ज्यादा मात्रा नहीं होना चाहिए। लेकिन यहां पर पानी में यह मात्रा 3300 से मिली है। वहीं टोटल कालिफार्म की मात्रा एमएल में 5000 एमपीएन ज्यादा नहीं होना चाहिए वो यहां पर 1 लाख 60 हजार मिली है। वहीं चरणतीर्थ घाट पर फिकल कालिफार्म की मात्रा 2400 से मिली है जो नियंत्रण में है। हालांकि यही टोटल कालिफार्म 1 लाख 60 हजार मिली है। बेतवा संरक्षण के लिए काम करने वाले नीरज चौरसिया का कहना है कि बेतवा का पानी लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
ये हैं बेतवा के दुश्मन, जिससे ऐसे हालात
- रंगई मंदिर के पास का पीलिया नाला- रंगई मंदिर के पास पीलिया नाला बेतवा के अपस्ट्रीम हिस्से में मिलता है। यह नाला भी शहर की गंदगी बेतवा में सीधे तौर पर मिला देता है।
- रामघाट के पास चोर घाट नाला- बाबा बहरा और रामघाट के बीच चोर घाट का नाले का पानी बेतवा में मिलता है। नाले पर एनीकट बनाया था लेकिन यह कारगर साबित नहीं रहा।
पानी को साफ करके किया जाता है सप्लाई
नपा के सब इंजीनियर रामप्रकाश जायसवाल का कहना है कि ये रा वाटर की रिपोर्ट हैं। सप्लाई के पहले पानी नदी से फिल्टर प्लांट में लाया जाता है। यहां कई गतिविधियों के पानी को साफ किया जाता है। इसके बाद पानी को शहर में सप्लाई किया जाता है।