Wednesday, September 24

छात्रवृत्ति घोटाला:12वीं पास कर स्कूल छोड़ चुके बच्चों के नाम पर निकाली राशि, भोपाल के लोगों के खातों में हुए जमा

सिर्फ शाजापुर जिले के 27 प्रकरणों में 1.40 लाख का फर्जी भुगतान, प्रदेशभर में 70 लाख के घोटाले की आशंका

स्कूली शिक्षा विभाग में बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में घोटाला सामने आया है। जाे बच्चे स्कूल से बाहर हो गए हैं, उनके नाम से ही प्राचार्यों ने छात्रवृत्ति बांट दी। बच्चों के नाम से भुगतान की गई यह राशि भोपाल के अलग-अलग लोगों के खाताें में जमा करा दी।

इधर, मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी प्राचार्यों से अपने स्कूल के बच्चों के नाम जारी की गई राशि की रिकवरी कराकर मामले को रफा-दफा करने की कवायद शुरू कर दी है। इसमें राेचक बात यह है कि कई ऐसे प्राचार्य हैं, जिनका इस घोटाले के बाद दूसरे स्कूल में स्थानांतरण हो गया। ऐसे में वर्तमान में वहां पदस्थ प्राचार्यों पर रिकवरी का दबाव डाला जा रहा है। मामले को रफा-दफा करने के लिए अधिकारी ऐसे प्राचार्यों को शाला विकास मद से उक्त राशि वापस कराने तक का मशविरा देने लगे हैं।

प्रदेशभर में गड़बड़ी के आसार, बड़ा रैकेट होने की आशंका
छात्रवृत्ति का यह घोटाला सिर्फ शाजापुर जिले में ही नहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आया है। सिर्फ शाजापुर जिले में ही अब तक सामने आए 27 प्रकरणों में ही डेढ़ लाख रुपए फर्जी तरीके से बच्चों के नाम से दूसरे लोगों के खाते में राशि जमा करना सामने आया है। प्रदेश के अन्य जिलो की जांच हो तो यह घाेटाला 75 से 80 लाख रुपए का सामने आएगा।

इन हेड से कर दिया भुगतान
शासकीय भुगतान के लिए बनाए गए हेड में से 2.3 एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के नाम से 4010-4010 रुपए प्रति छात्र अाैर 7.1 मुख्यमंत्री हम्माल एवं तुलावटी सहायता योजना अंतर्गत मेधावी छात्रवृत्ति योजना हेड से 1200-1200 रुपए प्रति छात्र भुगतान किया गया।

बैंक खाते जांचे तो भोपाल में जमा राशि मिली
रिकवरी के लिए आए शिक्षकों से पूछने पर बच्चों को पता चला
पनवाड़ी संकुल केंद्र के शिवप्रसाद दांगी, अभिषेक पाटीदार, हरिओम यादव, कमलसिंह दांगी, आयुष राठौर, जितेंद्र खींची के नाम से एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के 4010 व हम्माल तुलावटी मेधावी योजना के 1200-1200 रुपए का भुगतान करना बताया गया। सभी ने अपने बैंक खाते ही डिटेल के साक्ष्य पेश करते हुए उक्त राशि नहीं मिलने की पुष्टि की। जब ऑनलाइन जमा राशि की डिटेल चेक की तो यूनियन बैंक भोपाल की शाखाओं के खातों में अलग-अलग नाम के खातों में राशि जमा होना सामने आई है। ये सभी बच्चे एक साल पहले 2018 में 12वीं पास होकर स्कूल से बाहर चले गए। 2019 में इनके नाम से छात्रवृत्ति का भुगतान किया।

पाटीदार समाज के बच्चों को दी अजा वर्ग की राशि
सतगांव व पनवाड़ी संकुल केंद्र में जो छात्रवृत्ति भुगतान करना बताई गई है। उसमें राेचक बात यह सामने अाई कि यहां पढ़ाई करने वाले पाटीदार समाज के बच्चों के नाम से एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दे डाली। इसमें सतगांव केंद्र के दो बच्चे हरिओम पाटीदार पिता पुरुषोत्तम पाटीदार निवासी मोल्याखेड़ी और संदीप पाटीदार पिता गिरीराज पाटीदार निवासी देवपुर सहित पनवाड़ी केंद्र के बच्चे भी शामिल हैं।

1. एससी छात्रवृत्ति सीधे भोपाल से विभाग को मिली
इस पूरे मामले में फंड जारी करने वाले विभागों को इसकी भनक तक नहीं लगी। एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की जो राशि स्कूल से जारी की गई है, वह सीधे भोपाल से ही शिक्षा विभाग के खाते में जमा हुई और स्कूल स्तर से जो बच्चे एक साल पहले ही 1.वीं पास कर स्कूल से बाहर हो गए, उनके नाम से भुगतान होना बताकर भोपाल के रहने वाले लोगों के बैंक खाते में जमा करवा दी। मामले में आदिम जाति कल्याण विभाग की जिला संयोजक निशा मेहरा ने बताया कि उक्त राशि सीधे भोपाल से ही शिक्षा विभाग को दे दी जाती है। स्थानीय विभाग को इसमें कोई रोल नहीं है।

2. योजना मंडी समिति की, भुगतान स्कूल से कर दिया?
हम्माल व तुलावटी सहायता योजना मेधावी छात्रवृत्ति मंडी बोर्ड भोपाल की योजना है। शाजापुर मंडी समिति सचिव डी.सी. राजपूत ने बताया योजना में छात्रवृत्ति हम सीधे वितरित करते हैं। इसमें स्कूल का कोई रोल ही नहीं रहता। पिछले साल भी हमने मंडी में पंजीकृत हम्माल व तुलावटियों के 2. बच्चों को छात्रवृत्ति के चेक वितरित किए। अब स्कूलों ने इस नाम से कौन से बच्चों को कितनी छात्रवृत्ति दे दी और यह राशि उन्हें किसने भुगतान की। इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है।

अफसर-मंत्री के बोल
घोटालाबाजों पर कार्रवाई करेंगे
छात्रवृत्ति वितरण में यदि घोटाला हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जिले के बच्चों के नाम से जमा हुई राशि दूसरे जिले के लोगों के खाते में कैसे जमा हुई। इसकी जांच कराई जाएगी। राशि जमा कराने से लेकर वितरण करने वाले जो भी दोषी रहेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इंदरसिंह परमार, स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री मप्र शासन भोपाल

जांच कराकर प्रतिवेदन भेजा
छात्रवृत्ति भुगतान में गड़बड़ी होने का मामला सामने आया है। इसे लेकर संबंिधतांे से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जो गलत भुगतान किया गया है। उसकी रिकवरी कराई जाएगी। कार्रवाई के बाद प्रतिवेदन राज्य स्तर पर भेजा जाएगा।