कर्नाटक में हुए सेक्स स्कैंडल का मुख्य आरोपी और जनता दल सेक्युलर का सांसद प्रज्वल रेवन्ना, 31 मई को एसआईटी के सामने पेश होगा। इस बात की जानकारी उसने खुद दी है। बता दें कि सेक्स स्कैंडल का खुलासा होने के बाद प्रज्वल अपने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के दम पर जर्मनी भाग गया था। राज्य सरकार उसे वापस लाने के लिए लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बना रही थी। वहीं, कुछ दिनों पहले पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर के अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा ने एक पत्र लिख रेवन्ना को चेतावनी दी थी।
CM ने की थी रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द करने की मांग
बता दें कि पिछले दिनों कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रज्वल रेवन्ना का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट कैंसिल करने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर तत्काल कार्रवाई की मांग की। अपने पत्र में, सिद्धारमैया ने इसे “शर्मनाक” बताया कि रेवन्ना ने आरोप सामने आने के ठीक बाद और उसके खिलाफ पहला आपराधिक मामला दर्ज होने से ठीक पहले देश छोड़ने के लिए अपने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया।
डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द होने से क्या होगा?
जिसके पास भी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, उसे कई सारे प्रिविलेज यानी विशेषाधिकार मिलते हैं। ऐसे लोगों को विदेश में न तो गिरफ्तार किया जा सकता है और न ही हिरासत में लिया जा सकता है। इतना ही नहीं, डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होल्डर्स को किसी देश की यात्रा करने के लिए वीजा की जरूरत भी नहीं पड़ती। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर का कहना है कि अगर प्रज्वल का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट कैंसिल हो जाता है तो उसे भारत आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।