लोकसभा चुनाव मतदान के लिए कांग्रेस प्रत्याशी नहीं होने व गर्मी होने के चलते आशंका जताई जा रही थी कि मतदान काफी कम होगा। पिछले दिनों इंदौर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर सवाल किया था। भाजपा कार्यकर्ताओं से पूछ लिया था कि क्या अबकी बार इंदौर में कम मतदान होगा, लेकिन इंदौरियों ने सभी आशंकाओं को ठेंगा बताते हुए सोमवार को लोकतंत्र के महायज्ञ में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और आंकड़ा करीब 62 फीसदी तक जा पहुंचा।
चौथे चरण के चुनाव में इंदौर में 61.75 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां 15 लाख 60293 मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया। 2019 के चुनाव से तुलना करें तो 61422 मत कम हुए हैं, जबकि एक लाख 77327 वोटर बढ़े थे। 2019 में 69.31 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि इस बार 61.75 फीसदी मतदाता बूथों तक पहुंचे। इस चुनाव में कुल मतदाता 25 लाख 26803 थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में 69.31 प्रतिशत मतदान हुआ था, 2024 में ये पुराने आंकड़े से 7.31 प्रतिशत कम है।
मुस्लिम बूथों पर रही भारी भीड़
खजराना, आजाद नगर, चंदन नगर, जूना रिसाला, बड़वाली चौकी, बांक और गुलजार कॉलोनी जैसे मुस्लिम बस्ती के बूथों पर सुबह तो मतदान सामान्य रहा लेकिन दोपहर 11 बजे बाद लंबी लंबी लाइन लग गई। महिला व पुरुषों की कतार अलग-अलग थी, जिसमें एक-एक बूथ पर 50 से 75 लोग वोट डालने का इंतजार कर रहे थे।
यहां रात 8.30 तक चला मतदान
देपालपुर के चिराखान में ईवीएम मशीन अचानक बंद हो गई। इसकी सूचना मिलने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर रवि वर्मा ने तुरंत दूसरी मशीन की व्यवस्था की, जिसके बाद वोटिंग शुरू हुई। यहां 6 बजे टोकन बांटने के बाद रात 8.30 बजे तक वोटिंग चलती रही।