Sunday, September 28

नक्सली कॉरिडोर ध्वस्त, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ में घुसने वाले माओवादियों को ऐसे मारेंगे सुरक्षा बल

राज्य में नई सरकार गठित होने के बाद से प्रदेशभर में नक्सलियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए और बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इसी कड़ी में नक्सलवाद को रोकने के लिए कबीरधाम जिले में चार और नए फारवर्ड कैम्प खोले गए। नक्सली मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को जोडऩे वाले कबीरधाम जिले के जंगलों का उपयोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए करते हैं। ऐसे में उनके रास्ते पर ही नए फारवर्ड कैम्पों की स्थापना की गई है ताकि नक्सलियों के मूवमेंट को जिले के जंगलो में रोका जा सके।

इन कैम्पों की स्थापना से नक्सली गतिविधियों में कमी आएगी। नक्सलियों को बैकफुट में धकेलने के लिए जिले में भी छह नए फारवर्ड कैम्प प्रस्तावित किए गए। इसमें चार कैम्प स्थापित हो चुके हैं। इसमें तीन कैम्प चिल्फी थाना अंतर्गत बेंदा, मारा डबरा और खिलाही (बहनाखोदरा) कैम्प शामिल हैं। वहीं झलमला थाना अंतर्गत कुमान (समनापुर जंगल) में एक कैम्प खोला गया है। वहीं कबीरपथरा और धनवाही में दो कैम्प प्रस्तावित हैं।

पहले भी खोले जा चुके हैं कैम्प

पूर्व में भी जिले के कुंडपानी, महिडबरा, तेलीटोला, पंडरीपानी और कोयलारझोरी में कैम्प खोले गए। वहां पर पुलिस, 17वीं वाहिनी के सीएफ के जवान तैनात हैं। इन कैम्प के कारण नक्सलियों को रूट ही बदलना पड़ा। इस कैम्प के कारण भी नक्सलियों की चहलकदमी जिले में कम होती गई। इसके चलते ही अब और बेस कैम्प खोले जा रहे हैं ताकि नक्सलियों के आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाए।

पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव का कहना है कि पिछले दो महीनों में छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस द्वारा सीजी-एमपी सीमा पर कबीरधाम में चार फॉरवर्ड ऑपरेशनल सुरक्षा शिविर खोले गए हैं। दो और शिविर शीघ्र ही खोले जाएंगे।