राहुल गांधी द्वारा चुनावी बांड को ‘हफ्ता वसूली’ कहे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता को यह स्पष्ट करना होगा कि उन्हें 1,600 करोड़ रुपये कहां से मिले? अमित शाह ने एक्स ( X) पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “राहुल गांधी को भी 1,600 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें ‘हफ्ता वसूली’ कहां से मिली? हम दावा करते हैं कि यह एक पारदर्शी दान है लेकिन अगर वह इसे वसूली कहते हैं तो उन्हें विवरण देना चाहिए।”
‘INDIA गठबंधन के लिए जनता का सामना करना मुश्किल हो जाएगा’
अमित शाह से यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा अन्य पार्टियों की तरह अपने दानदाताओं की सूची का खुलासा करेगी? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा, “मैं आपको आश्वासन देता हूं कि एक बार विवरण सामने आने दीजिए, इंडिया गठबंधन के लिए जनता का सामना करना मुश्किल हो जाएगा।”
Electoral bond की योजना खत्म होने से काले धन की वापसी का डर’
अमित शाह ने कहा, “चुनावी बांड भारतीय राजनीति में काले धन के वर्चस्व को खत्म करने के लिए लाए गए थे। अब इस योजना को खत्म कर दिया गया है और मुझे काले धन की वापसी का डर है।” उन्होंने यह कहा कि चुनावी बांड को खत्म करने के बजाय इसे लेकर सुधार होना चाहिए।
Electoral bond की योजना खत्म होने से काले धन की वापसी का डर’
अमित शाह ने कहा, “चुनावी बांड भारतीय राजनीति में काले धन के वर्चस्व को खत्म करने के लिए लाए गए थे। अब इस योजना को खत्म कर दिया गया है और मुझे काले धन की वापसी का डर है।” उन्होंने यह कहा कि चुनावी बांड को खत्म करने के बजाय इसे लेकर सुधार होना चाहिए।
Supreme Court के फैसले का मैं सम्मान करता हूं: शाह
उन्होंने कहा कि मेरा मानना यह है कि इसे खत्म करने के बजाय इसमें सुधार होना चाहिए लेकिन अब इसका कोई महत्व नहीं है क्योंकि शीर्ष अदालत ने अपना फैसला दे दिया है और मैं इसका सम्मान करता हूं। लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि बांड ने राजनीति में काले धन को लगभग समाप्त कर दिया है। यही कारण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा इंडिया गठबंधन बांड के खिलाफ हैं और वे चाहते थे कि कट मनी की पुरानी प्रणाली एक बार फिर से राजनीति पर हावी हो जाए।
electoral bonds क्या था?
चुनावी बांड योजना भारत में राजनीतिक दलों के लिए दानकर्ता की पहचान उजागर किए बिना धन प्राप्त करने का एक तरीका था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में एक फैसले में इस योजना को रद्द कर दिया और भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) को चुनावी बांड जारी करना तुरंत बंद करने का आदेश दिया।
चुनाव आयोग ने बांड को लेकर कौन सा कदम उठाया?
सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के अनुपालन में भारत चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर चुनावी बांड पर डेटा अपलोड किया है। एसबीआई ने जानकारी प्रदान की थी जिसमें इन चुनावी बांडों के बारे में विवरण शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना यह है कि इसे खत्म करने के बजाय इसमें सुधार होना चाहिए लेकिन अब इसका कोई महत्व नहीं है क्योंकि शीर्ष अदालत ने अपना फैसला दे दिया है और मैं इसका सम्मान करता हूं। लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि बांड ने राजनीति में काले धन को लगभग समाप्त कर दिया है। यही कारण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा इंडिया गठबंधन बांड के खिलाफ हैं और वे चाहते थे कि कट मनी की पुरानी प्रणाली एक बार फिर से राजनीति पर हावी हो जाए।
electoral bonds क्या था?
चुनावी बांड योजना भारत में राजनीतिक दलों के लिए दानकर्ता की पहचान उजागर किए बिना धन प्राप्त करने का एक तरीका था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में एक फैसले में इस योजना को रद्द कर दिया और भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) को चुनावी बांड जारी करना तुरंत बंद करने का आदेश दिया।
चुनाव आयोग ने बांड को लेकर कौन सा कदम उठाया?
सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के अनुपालन में भारत चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर चुनावी बांड पर डेटा अपलोड किया है। एसबीआई ने जानकारी प्रदान की थी जिसमें इन चुनावी बांडों के बारे में विवरण शामिल हैं।