आज दोपहर 3 बजे, 18वीं लोकसभा के लिए चुनावों का ऐलान करने जा रहा है। तारीखों का ऐलान होते ही पूरे देश में एक साथ आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) लागू हो जाएगी। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए कुछ कड़े नियम बनाए हैं जिनका पालन सभी राजनीतिक दलों को करना होता है। आचार संहिता के दौरान तय नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकती है। उम्मीदवार को अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।
आदर्श आचार संहिता के कारण किन कामों पर पाबंदी होती है
– भारतीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद पर पाबंदी लग जाती है। नए कामों की स्वीकृति नहीं होती है। सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स-पोस्टर नहीं लगेंगे।
– सरकारी वाहनों से सायरन हटा लिए जाएंगे। चौक-चौहारे से सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए दिए जाएंगे। सरकारी भवनों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो नहीं लगाये जाएंगे
– प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया प्लेटफार्म पर सरकार के किसी भी विज्ञापन को नहीं चलाया जाएगा। हर तरह के प्रलोभन और लेन-देन से बचें। सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले कायदे-कानून को जान लें। नहीं तो आपकी एक पोस्ट आपको जेल के अंदर डलवा सकती है।
– सरकारी भवन, गाड़ियां, विमान या बंगले का इस्तेमाल चुनावी प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। किसी भी राजनीतिक दल के नेता को रैली करने से प्रशासन से आदेश लेनी पड़ेगी। चुनावी रैली में धर्म, जाति के आधार पर वोट नहीं मांगा जाएगा।
कार्रवाई भी हो सकती है
चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले।वोट के लिए पैसे देना, वोटर्स को परेशान करना नेताओं और उनके समर्थकों पर भारी पड़ सकता है। व्यक्तिगत और तथ्यात्मक रूप से गलत टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।
लोकसभा चुनाव-2024 (Lok Sabha Elections 2024)
पुरुष 49.7 करोड़
महिला 47.1 करोड़
पहली बार मतदान करने वाले 1,84,81,610
80 वर्ष से अधिक 1,85,92,918
100 साल से अधिक उम्र वाले 2,38,791वोटिंग से 48 घंटे पहले बंद हो जाता है प्रचार
चुनाव आयोग के मुताबिक वोटिंग से 48 घंटे यानी दो दिन पहले ही चुनाव प्रचार थम जाता है। वोटिंग के दिन राजनीतिक दलों को सुनिश्चित करना होता है कि वोटर्स को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर ही हो। इसपर किसी तरह का सिंबल या उम्मीदवार का नाम ना लिखा हो। वोटर्स को छोड़कर कोई भी अतिरिक्त व्यक्ति बूथ में प्रवेश ना करे।