Thursday, October 30

भाजपा की अप्रत्याशित जीत

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित जीत के साथ सत्ता प्राप्त हुई है ।हालांकि सत्ता में तो पहले से ही भाजपा का काबिज थी। पर जिस तरह की आशंका जताई जा रही थी कि इस बार भाजपा को सत्ता मिलना आसान नहीं है ।साथ ही कांग्रेस भी बड़े ही सजक तरीके से चुनाव लड़ रही थी। पर उसका अति आत्मविश्वास ने उसे सत्ता से दूर कर दिया।

इस बार सत्ता हाथ आने के कई कारण दिखाई दे रहे हैं जिसमें हर व्यक्ति अपने-अपने हिसाब से सत्ता प्राप्ति का कारण बता रहा है ।पर हकीकत यह है जितनी मेहनत इस सत्ता प्राप्ति के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने की है। और संघ ने जो फील्डिंग की है उसकी जितनी तारीफ की जाये वह कम है।हालांकि संघ प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं आता है ।पर अप्रत्यक्ष रूप से संघ की मेहनत सत्ता का रास्ता दिखाती है। इस बार के चुनाव में भी यही हुआ है ।वैसे लाडली बहन योजना लाकर शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र के विजन को ही पलट कर रख दिया था।इससे लाडली बहन की बात चारों ओर की जाने लगी थी। और सत्ता प्राप्ति में लाडली बहनाके योगदान को भी कहीं ना कहीं स्थान तो देना ही पड़ेगा ।पर इससे भी नहीं बचा जा सकता की केंद्र की नीतियां राम मंदिर का निर्माण और नया वोटर उसने यह चमत्कार कर दिखाया है ।मध्य प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ में भी सत्ता प्राप्त हुई है जहां पर सभी आंकड़े भूपेश बघेल को सत्ता में वापसी की बात कर रहे थे। पर जैसे ही छत्तीसगढ़ के आंकड़े आए जितने भी राजनीति के विश्लेषक हैं ।उनके विश्लेषण करने के तरीके ही बदल गए इसके साथ ही राजस्थान की भी सत्ता पर मोदी की लहर का प्रभाव दिखाई दिया है ।यदि पांच राज्यों की बात करें तो पांचों राज्यों में जिसमें चार राज्यों में तो मोदी जी ने सीधे तौर पर केंद्रीय नेतृत्व के साथ बहुत मेहनत की है उनकी जनसभाओं और उनकी नीतियों ने लोगों पर अपना प्रभाव डाला है। आज यदि सत्ता प्राप्त हुई है तो इसमें मोदी जी ओर केन्द्रीय नेतृत्व की अथाह मेहनत भी सुमार है।