पिछले कुछ साल में भारत (India) और अमरीका (United States Of America) के संबंधों में काफी मज़बूती आई है। दोनों देश कई सेक्टर्स में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। साथ काम करते हुए दोनों देशों का उद्देश्य आगे बढ़ना है और अपनी अर्थव्यवस्था के साथ ही डिफेंस और बिज़नेस सेक्टर्स को भी मज़बूत करना है। हाल ही में भारत और अमरीका ने एक और सेक्टर में साथ काम करने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) की वैज्ञानिक सलाहकार आरती प्रभाकर (Arati Prabhakar) ने हाल ही में दी।
एआई के खतरों से निपटने के लिए भारत और अमरीका ने मिलाया हाथ
हाल ही में आरती ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत और अमरीका ने एआई (AI) के खतरों से निपटने के लिए हाथ मिलाया है। एआई यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) आज के समय में टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में सबसे बड़ा ट्रेंडिंग टॉपिक है। दुनियाभर में एआई की चर्चा है और कई बड़ी टेक कंपनियाँ एआई का इस्तेमाल करते हुए अपनी खुद की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी लॉन्च करने और उसे आगे बढ़ाते हुए फायदा कमाना चाहती हैं। पर हर टेक्नोलॉजी की तरह एआई के फायदों के साथ नुकसान भी हैं। इसका भी गलत इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे कई खतरे पैदा हो सकते हैं। एआई के इसी दुरुपयोग और खतरे को रोकने के लिए भारत और अमरीका साथ काम करेंगे।
सरकार से की कंपनियों ने बातचीत
एआई के विषय में शुक्रवार को कई टेक कंपनियों ने अमरीकी सरकार की इस विषय में बनी कमेटी से बातचीत की। इस बातचीत के दौरान आरती ने साफ कर दिया कि अमरीकी सरकार नहीं चाहती कि एआई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल हो। साथ ही आरती ने यह भी बताया कि अमरीकी राष्ट्रपति बाइडन एआई के खतरों से निपटने के लिए एक एक कार्यकारी आदेश पर भी काम कर रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी किया था ज़िक्र
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Of India Narendra Modi) पिछले महीने ही अमरीका की ऑफिशियल स्टेट विज़िट पर गए थे। इस दौरान उन्होंने बाइडन से कई अहम विषयों पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने कई बार एआई टेक्नोलॉजी, इसके इस्तेमाल और गलत इस्तेमाल को रोकने के बारे में भी ज़िक्र किया था। आरती ने इस बारे में जानकारी दी।